इमालवा – लाहौर। तालिबान की ओर पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय कैदी सरबजीत सिंह के वकील ओवैस शेख को धमकी मिली है कि वो उनका केस लड़ना बंद करें. समाचार एजेंसी पीटीआई ने लाहौर से खबर दी है कि प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान के एक गुमनाम कार्यकर्ता की ओर से लिखे गए पत्र में उनकी पत्नी को चेतावनी दी गई है कि वो अपने पति को सरबजीत सिंह का केस लड़ने से रोकें.
शेख के मुताबिक पत्र में लिखा है, “मेरा संबंध तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से है और मैं फैसलाबाद जिले का रहने वाला हूँ. मैं आपको बताना चाहता हूँ कि आपके पति सरबजीत सिंह का केस लड़ रहे हैं. सरबजीत सिंह बम धमाके में मेरे पूरे परिवार की हत्या का जिम्मेदार है. आपके पति सरबजीत सिंह के बारे में एक पत्रकार वार्ता संबोधित कर रहे हैं.”
पत्र में लिखा गया कि अगर शेख पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हैं तो वो उनका आखिरी दिन होगा और परिवार के हर सदस्य को मार दिया जाएगा. पत्र के मुताबिक, “कल सुबह तक आपके बच्चों के शव आपको मिल जाएँगे. मैं आपके बच्चों को जानता हूँ. मैं उनका अपहरण कर लूँगा और उनका शव आपको भेज दूँगा. अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे जिंदा रहें, तो आप प्रेस वार्ता को संबोधित न करें.”
ओवैस शेख ने कहा कि उन्हें लाहौर प्रेस क्लब में सरबजीत सिंह पर लिखी उनकी किताब को लॉंच करने से रोका गया.
ओवैस शेख ने कहा कि उन्हें लाहौर प्रेस क्लब में सरबजीत सिंह पर लिखी उनकी किताब को लॉंच करने से रोका गया.
धमकी
पीटीआई के अनुसार उन्होंने कहा, “मेरे बेटे को भी एक गुमनाम व्यक्ति की ओर से धमकी भरा फोन भी आया है. मैं पुलिस से इसकी शिकायत करूँगा और सुरक्षा मांगूँगा.” शेख ने कहा कि जब वो प्रेस क्लब पहुँचे तो उन्हें बताया कि सुरक्षा कारणों से प्रेस वार्ता आयोजित नहीं की जा सकती.
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व प्रमुख हामिद खान, पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग के निदेशक आई ए रहमान और दूसरे लोगों ने प्रेस क्लब के फैसले का विरोध किया.
पीटीआई के अनुसार उन्होंने कहा, “मेरे बेटे को भी एक गुमनाम व्यक्ति की ओर से धमकी भरा फोन भी आया है. मैं पुलिस से इसकी शिकायत करूँगा और सुरक्षा मांगूँगा.” शेख ने कहा कि जब वो प्रेस क्लब पहुँचे तो उन्हें बताया कि सुरक्षा कारणों से प्रेस वार्ता आयोजित नहीं की जा सकती.
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व प्रमुख हामिद खान, पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग के निदेशक आई ए रहमान और दूसरे लोगों ने प्रेस क्लब के फैसले का विरोध किया.
सरबजीत सिंह पर 1990 में पाकिस्तान में बम धमाकों में हिस्सा लेने का आरोप है. इन हमलों में 14 लोग मारे गए थे. लेकिन, सरबजीत का परिवार इन आरोपों से इंकार करता है. परिवार के मुताबिक धमाकों में हिस्सा लेने वाले कोई दूसरे लोग थे और ये गलत पहचान का मामला है.