रिजल्ट के बाद बच्चों को डिप्रेशन से रोकें

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परीक्षा का दौर बच्चों के लिए काफी मुश्किलभरा और तनावग्रस्त होता है, क्योंकि इसी समय में पूरे साल की गई मेहनत का नतीजा निकलता है।

अपने रिजल्ट को लेकर कुछ बच्चे ज्यादा ही स्ट्रेस ले लेते है, जो उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है। ऐसे में पेरेंट्स को उनकी ओर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है, ताकि बच्चा किसी तरह से डिप्रेशन में न चला जाए।

जब बच्चे का रिजल्ट आने वाला हो, तो बच्चों के पास प्यार से खड़े होकर कहें कि कोई भी रिजल्ट जिंदगी से बड़ा नहीं होता। फिर क्या हुआ इस बार अच्छे नंबर नहीं ला पाए, तो गलती बार कड़ी मेहनत करना और अच्छे नंबरों से पास हो जाना।

पेरेंट्स अक्सर अपने बच्चों की दूसरे बच्चों से तुलना करने उनसे ज्यादा उम्मीदें लगा लेते हैं। जरूरी नहीं है कि आपके पड़ोसी का बच्चा ज्यादा होशियार है, तो आपका भी होना चाहिए। हर किसी में अलग-अलग गुण होते हैं। बच्चे से ज्यादा उम्मीदें रखने से वह तनाव और उच्च रक्तचाप के शिकार भी हो सकते हैं।

रिजल्ट के समय पेरेंट्स और बच्चे दोनों तनाव से गुजर रहे होते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को बच्चे पर ज्यादा दवाब नहीं डालना चाहिए, बल्कि उन्हें प्रोत्साहित और सराहना चाहिए।

अपने बच्चे को प्यार से कहें आप उनके लिए ज्यादा मायने रखते हैं न कि रिजल्ट। इससे बच्चे के मन में बना हुआ डर दूर होगा और वह खुश रहने की कोशिश करेगा।

कई बार देखा जाता है कि बच्चे बेहतर परफॉर्म न कर पाने से तनाव में आ जाते है। ऐसे में पेरेंट्स को उनको विश्वास दिलाना चाहिए कि रिजल्ट चाहे जो भी आए, वह हमेशा उनके साथ हैं। उसे अच्छे से समझाएं और तनाव से दूर ही रखें।