चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में जीवनसाथी चुनने को लेकर कई बातें बताई हैं। जिनके जान लेने के बाद सांसारिक गृहस्थ जीवन जीने में कोई परेशानी नहीं आती है। तो शादी से पहले इनकी जान लेना ही सुखदायी होता है।
- चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को शादी हमेशा अपने समान स्तर व गुण वाले लड़की से ही करनी चाहिए। जीवन सुख से गुजरता है।
- जीवनसाथी के भीतर धैर्य का गुण होना जरूरी है। पति-पत्नी के बीच धैर्य हो तो जीवन और सुखी हो जाता है। इस गुण के होने पर कठिन परिस्थिति में भी दोनों एक दूसरे का साथ निभाकर परेशानी से निकल सकते हैं।
- धर्म और कर्म में विश्वास रखने वाला मनुष्य मर्यादित होता है। ऐसे में विवाह से पूर्व इस बात की भी जानकारी होनी चाहिए कि होने वाला जीवनसाथी में धर्म-कर्म को लेकर कितनी आस्था है।
जीवनसाथी का चयन केवल रूप देखकर नहीं उसके कुल, गुण और चरित्र के आधार पर करना चाहिए। यह बात लड़की के ऊपर भी समान रूप से लागू होता है।