ग्वालियर.हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के जस्टिस विवेक अग्रवाल की बेंच ने पोहरी जनपद अध्यक्ष के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रद्युम्न वर्मा के निर्वाचन को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने अध्यक्ष पद का चुनाव दोबारा कराने का आदेश देते हुए टिप्पणी की है कि उक्त निर्वाचन में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ। इसमें कई लोगों के वोट डालने के अधिकार का हनन हुआ है। इसलिए उक्त चुनाव रद्द किया जाता है।
– शिवपुरी जिले में पोहरी जनपद अध्यक्ष पद के लिए 9 मार्च 2015 में चुनाव हुए थे। इसमें प्रद्युम्न वर्मा जीते थे।
– उनकी जीत को लेकर अध्यक्ष पद के उम्मीदवार रहे विवेक पालीवाल ने याचिका दायर की।
– इसमें कहा गया कि चुनाव के दौरान फायरिंग होने से कुछ सदस्य वोट नहीं डाल सके। इसलिए उक्त चुनाव रद्द किया जाए।
– याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एमपीएस रघुवंशी ने तर्क रखा कि अध्यक्ष पद के लिए कुल 25 सदस्यों को मतदान करना था लेकिन कुछ सदस्यों को जानबूझकर वोट देने से रोका गया।
– उधर, जनपद सदस्य राजेश्वरी और अन्य की ओर से अधिवक्ता दीपेन्द्र सिंह ने भी खुद को सुने जाने का आवेदन कोर्ट में पेश किया था।