इमालवा – मध्यप्रदेश (प्रलय श्रीवास्तव) | मध्यप्रदेश सरकार भोपाल में हज-हाउस का निर्माण शुरू करने जा रही है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार 29 अप्रैल को दोपहर 2 बजे एयरपोर्ट रोड स्थित सिंगारचोली में प्रदेश के पहले हज-हाउस की संगे-बुनियाद रखेंगे। कार्यक्रम में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री अजय विश्नोई, सांसद श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष डॉ. सनवर पटेल आदि उपस्थित रहेंगे।
राजधानी में हज-हाउस का निर्माण महज एक इमारत की तामीर नहीं बल्कि इससे यहाँ के वाशिंदों की वर्षों पुरानी दिली तमन्ना पूरी होगी। राज्य सरकार ने हज-हाउस के निर्माण के लिये 6 करोड़ 11 लाख 25 हजार की राशि स्वीकृत की है। इसमें से एक करोड़ रुपये की राशि राज्य हज कमेटी को अनुदान के लिये भुगतान कर दी गई है। भोपाल में पहला तथा इंदौर में दूसरा हज-हाउस बनेगा।
भोपाल के हज-हाउस के लिये ग्राम सिंगारचोली में 2.01 एकड़ भूमि का चयन कर आवंटित की जा चुकी है। निर्माण के लिये वास्तुविदों से निविदाएँ बुलाई गई थीं। सक्षम समिति द्वारा वास्तुविद मेसर्स मेहबूब एण्ड एसोसिएट्स का चयन किया गया है। इसके पूर्व वास्तुविदों के चयन के लिये एक प्रतियोगिता आयोजित कर एक लाख रुपये का पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की गई थी। प्रतियोगिता में विजयी रहे मेहबूब एण्ड एसोसिएट्स को यह पुरस्कार मय प्रशस्ति-पत्र दिया जायेगा।
हज-हाउस का निर्माण 45 हजार वर्गफुट क्षेत्रफल में होगा। हाउस चार मंजिला रहेगा। इसमें लगभग डेढ़ हजार यात्रियों के ठहरने, प्रशिक्षण के अलावा अन्य सुविधाएँ उपलब्ध रहेंगी। हज-हाउस के परिसर में राज्य हज कमेटी का कार्यालय भी रहेगा। भवन का निर्माण राजधानी परियोजना के पर्यवेक्षण में होगा, जो वर्ष 2014 के अंत तक बनकर तैयार हो जायेगा।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश सरकार ने देश में पहली बार हज-यात्रियों की देखभाल के लिये सउदी अरब भेजे गये खादिमुल हुज्जाज (हज सेवक) के फोटो एवं मोबाइल नम्बर युक्त कार्ड समस्त हज-यात्रियों को उपलब्ध करवाये थे। साथ ही हज के पूरे 45 दिन के कार्यकाल के लिये 24 घंटे कॉल-सेंटर भोपाल में स्थापित किया गया। सरकार की इन व्यवस्थाओं की केन्द्रीय हज-कमेटी ने भी सराहना की। वर्ष 2012 में प्रदेश के हज-यात्रियों को सउदी अरब में चलने वाली मोबाइल सिम कार्ड (5 रियाल के बेलेंस सहित) उपलब्ध करवाई गई। इतना ही नहीं हज-यात्रियों की सुविधा के लिये इंदौर एवं भोपाल विमानतल पर एक-एक इम्बारकेशन पाइंट भी बनाया गया।