स्कूल चलें हम अभियान का सच पता लगाएगी सरकार

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इमालवा-भोपाल। शिक्षण सत्र से पहले धूमधाम से मनाए जाने वाले ‘स्कूल चलें हम” अभियान का सच सरकार पता लगाएगी। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने राज्य योजना आयोग को पूरे अभियान का मूल्यांकन करने का जिम्मा सौंपा है।

आयोग ने भी प्रोफेशनल संस्था की मदद से काम को अंजाम देने का फैसला किया है। प्रदेश में सर्वे कराकर देखा जाएगा कि अभियान से प्रवेश की स्थिति में कितना सुधार आया। जिन बच्चों ने प्रवेश लिया वे बीच में पढ़ाई छोड़कर तो नहीं चले गए। अगले 15 दिन में संस्था के साथ अध्ययन के लिए करार पर हस्ताक्षर होंगे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विभागीय समीक्षाओं के वक्त सरकार की महत्वाकांक्षी और सोशल सेक्टर की योजनाओं का बाहरी संस्थाओं से मूल्यांकन कराने के निर्देश दिए थे। इसके मद्देनजर कई विभाग राज्य योजना आयोग को योजनाओं के मूल्यांकन का काम सौंप चुके हैं।
 
इसी कड़ी में स्कूल शिक्षा विभाग ने ‘स्कूल चलें हम” अभियान का अध्ययन कराकर असर पता लगाने का फैसला किया है। आयोग ने तय किया है कि अभियान का फीडबैक छात्र, माता-पिता, शिक्षक, जन संगठन और जनप्रतिनिधियों से लिया जाएगा।
 
यह भी पता लगाया जाएगा कि सरकार की ओर से अभियान के लिए जो आला अफसर भेजे जाते हैं उनकी भूमिका कैसी है। वे किस तरह बच्चों को स्कूल भेजने माता-पिता या ग्रामीणों को प्रेरित करते हैं। आयोग के अधिकारियों का कहना है कि रिपोर्ट छह माह में तैयार कर विभाग को सौंप दी जाएगी। इसे अंतिम रूप देने के पहले विभागीय अफसरों से भी फीडबैक लिया जाएगा।
 
इन मुद्दों पर तैयार होगी रिपोर्ट
 
– पात्र बच्चों का नामांकन हुआ या नहीं।
– विलेज एजुकेशन रजिस्टर की स्थिति।
– सामाजिक स्तर पर प्रभाव।
– जेण्डर गैप कम हुआ या नहीं।
– शिक्षकों की उपस्थिति।
– क्वालिटी एजुकेशन के हाल।
 
इनका कहना है
 
स्कूल शिक्षा विभाग ने हमें जिम्मेदारी सौंपी है। बाहरी एजेंसी की मदद से अध्ययन कराया जाएगा। इसमें अभियान से जुड़े सभी तथ्य समाहित होंगे।
 
– योगेश माहोर, डिप्टी, टीम लीडर, राज्य योजना आयोग