भोपाल। प्रदेश में रेत के दाम खासे कम हो सकते हैं। स्टेट माईनिंग कार्पोरेशन रेत रायल्टी 374 से घटाकर 125 रुपए प्रति घन मीटर करने के मूड में है। साथ ही ठेकेदारों को निर्धारित खदान से ही तीन गुना ज्यादा रेत खनन करने की अनुमति देने के पक्ष में भी है।
इससे जहां बाजार में प्रति डंपर 3000 रुपए तक रेत के दाम कम होने और रेत खनन बढ़ने से सरकार का खजाना भरने की उम्मीद है। कार्पोरेशन ने इस संबंध में नई माईनिंग नीति का प्रस्ताव मुख्य सचिव को भेज दिया है। जिसे केबिनेट से मंजूरी के बाद लागू कर दिया जाएगा।
कार्पोरेशन ने 2012 में 18 जिलों की 53 रेत खदानों से 1 करोड़ 67 लाख घन मीटर रेत निकालने का टेंडर दिया था। नई नीति में तीन गुना यानी 4 करोड़ 61 लाख घनमीटर रेत खनन करने का ठेका प्रस्तावित है। इससे सरकार को लगभग 500 करोड़ का राजस्व मिलने की संभावना है। वर्तमान में 128 करोड़ का राजस्व मिल रहा है।
18 जिलों की सभी खदानें कार्पोरेशन की होंगी
प्रदेश में 18 जिलों की सिर्फ 53 खदानें माईनिंग कार्पोरेशन के पास हैं। जबकि इन्हीं जिलों की 82 तहसीलों की अन्य रेत खदानों की निलामी का अधिकार कलेक्टर के पास हैं। अगले वित्त वर्ष से कार्पोरेशन संबंधित 18 जिलों की सभी खदानों की नीलामी करेगा। जबकि शेष 33 जिलों में कलेक्टर रेत खदान की नीलामी करेंगे। हालांकि नई नीति के अनुसार अब ई-ऑक्शन से ही रेत खदान आवंटित होंगी।
आम आदमी को ऐसे होगा फायदा
– 1500 वर्गफीट के मकान में 25 डंपर रेत लगती है।
– 14 हजार रुपए का एक डंपर आता है।
– 25 डंपर रेत 3 लाख 50 हजार रुपए की होती है।
– 12 घनमीटर एक डंपर में रेत आती है।
– 249 रुपए प्रति घनमीटर रायल्टी कम होगी।
– 3000 रुपए एक डंपर पर बचत होगी।
– इस तरह 25 डंपर रेत पर 75 हजार रुपए बचेंगे।
डीजल और रायल्टी ने बढ़ाए दाम
रेत के दामों में सबसे ज्यादा उछाल तीन-चार सालों में आया है। 20-22 रुपए फीट के हिसाब से मिलने वाली गाड़ी अब 35 रुपए फीट पर मिल रही है। इसका मुख्य कारण डीजल-रॉयल्टी है। प्रदीप तामोट, सिविल कांट्रेक्टर
पिछले दस सालों में रेत के दाम तीन गुना तक बढ़े हैं। पहले जहां पर 300 फीट रेत की गाड़ी पांच हजार में आती थी, अब वह तकरीबन 10-11 हजार रुपए की आती है। एके दुबे, सिविल कांट्रेक्टर
सीएम ने लौटाया वैट बढ़ाने का प्रस्ताव
रेत, फर्शी, पत्थर और नीमच स्टोन पर वैट बढ़ाने का प्रस्ताव मंगलवार को मुख्यमंत्री ने कैबिनेट से लौटा दिया। वाणिज्यकर विभाग ने रेत पर वैट 20 रुपए से बढ़ाकर 30 रुपए प्रति घन मीटर और फर्शी-पत्थर पर 1 रुपए की जगह 1.50 रुपए, नीमच स्टोन पर 25 पैसे से बढ़ाकर 50 पैसे प्रति घनमीटर करने का प्रस्ताव दिया था। विभाग का तर्क था कि इससे सरकार सालाना करीब डेढ़ करोड़ की अतिरिक्त आय होगी।
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