लाल परेड मैदान पर होगा दसवां विश्व हिंदी सम्मेलन

0

भोपाल। राजधानी के लाल परेड मैदान पर दसवां विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। 10 से 12 सितंबर को होने वाले सम्मेलन में 500 से ज्यादा विदेशी विद्वान शामिल होंगे। इसमें हिंदी जगत विस्तार एवं संभावनाएं विषय पर फोकस होगा। सम्मेलन की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह केन्द्रीय अधिकारियों के साथ चर्चा की। विदेश मंत्री श्रीमती स्वराज ने देश-विदेश से आने वाले विद्वानों के ठहरने और आयोजन स्थल की तैयारियों की चर्चा करते हुए आयोजन की भव्यता पर फोकस करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने सम्मेलन के लिए भोपाल का चयन करने पर प्रसन्न्ता जाहिर करते हुए कहा कि सम्मेलन को गरिमापूर्ण बनाने के लिए तैयारियों में राज्य कोर कसर नहीं छोड़ेगा। इसमें जनता, जनप्रतिनिधि और विद्यार्थियों को जोड़कर जन-जन का आयोजन बनाया जाएगा। देशी-विदेशी महमानों को ठहराने की बात उठने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन में आने वाले मेहमानों के आतिथ्य में कमी नहीं आने दी जाएगी।

राजधानी के सारे होटल, रेस्ट हाउस और खाली पड़े सरकारी बंगलों में उन्हें ठहराने की व्यवस्था की जाएगी। विदेश मंत्री श्रीमती स्वराज ने बताया कि हिन्दी विस्तार के लिए 1975 में इसकी शुरूआत की गई थी, पहला सम्मेलन नागपुर में हुआ था। इसके बाद हर तीसरे वर्ष अलग-अलग देशों में सम्मेलन का आयोजन किया जाता रहा है। पिछला सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हुआ था, जिसमें अगला सम्मेलन भारत में करना तय था। उन्होंने कहा कि मप्र से सांसद होने के नाते में इसे यहां करना चाहती थी, इसलिए प्रदेश की राजध्ाानी को चुना।

40 विद्वानों का होगा सम्मान

श्रीमती स्वराज ने कहा कि सम्मेलन में 20 देशी और 20 विदेशी विद्वानों का सम्मान किया जाएगा। हिंदी का व्यापक विस्तार कैसे किया जाए, इस पर विमर्श होगा, जिसमें विदेश नीति में हिन्दी, प्रशासन में हिन्दी, विज्ञान में हिन्दी, विदेशो में हिन्दी अध्यापन एवं कम्प्यूटर में हिन्दी आदि विषय शामिल होंगे। सम्मेलन में एक साथ कई समानांतर सत्र चलेंगे। हिंदी लेखकों के पुस्तकों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।

दोनों समितियों की कमान विदेश मंत्रालय के हाथ में

श्रीमती स्वराज ने कहा कि सम्मेलन के लिए दो प्रमुख समितियां गठन की जाएंगी। इसमें परामर्शदाता मंडल की वे खुद अध्यक्ष रहेंगी इसमें मुख्यमंत्री भी शामिल रहेंगे। दूसरी प्रबंधन समिति होगी, इसके अध्यक्ष विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह होंगे। इसमें उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता, संस्कृति राज्यमंत्री सुरेन्द्र पटवा सदस्य और अनिल माधव दवे उपाध्यक्ष होंगे।