शिवराज चाहते है गावं – गावं में हो लघु उद्योगो की स्थापना

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इमालवा – भोपाल | प्रदेश सरकार गांव-गांव में लघु उद्योग स्थापित कर देश ही नहीं विदेशी बाजारों को भी मध्यप्रदेश में बने सामान से पाटना चाहती हैं |  प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि इससे रोजगार के अवसर और प्रति व्यक्ति आय बढेगी | उनका कहना है कि युवाओं को अवसर मिलें तो वे चमत्कार कर सकते है. मध्यप्रदेश में युवाओं को रोजगार देने के लिये मुख्यमंत्री युवा रोजगार योजना तैयार है | इसी के साथ प्रदेश में 24 घंटे बिजली देकर गांव-गांव में लघु उद्योगों का जाल बिछाने की योजना पर भी सरकार तेजी से काम कर रही है |  

देश-प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिये चौहान ने युवाओं की आकांक्षाओं को गंभीरता से लेने और उन्हें यथास्थितिवाद के जंजाल से निकालने की जरुरत बताई |  उन्होंने कहा कि बड़ा उद्योग मध्यप्रदेश में भी आ रहा है, इसके साथ ही हम गांव-गांव में लघु उद्योग स्थापित कर देश ही नहीं विदेशी बाजारों को भी मध्यप्रदेश में बने सामान से पाटना चाहते हैं. इससे रोजगार के अवसर और प्रति व्यक्ति आय बढेगी. 

उन्होने कहा कि गांवों को एक स्वावलंबी इकाई बनाने के लिये परम्परागत व्यवसायों में लगे लोगों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जा रही है. इन कारीगरों के लिए हर गांव में एक छोटा बाजार विकसित किया जायेगा.  युवाओं के लिये मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना तथा छोटे कारीगरों के लिए स्वरोजगार योजना बनायी गयी है.  इन योजनाओं में राज्य सरकार ऋण की गारंटी और पांच वर्ष तक पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान देगी. 

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विकास का लाभ गरीब आदमी तक पहुंचे इसके लिये राज्य सरकार ने कई योजनाएं बनायी हैं.  उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री आवास मिशन तथा शहरी आवास योजना के तहत गरीबों को अपने मकान के सपनों को पूरा किया जायेगा.  मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कृषि ओर सिंचाई के क्षेत्र में की गयी प्रगति को उल्लेखनीय बताते हुए कहा कि मई अंत तक प्रदेश के हर गांव में 24 घंटे बिजली मिलेगी.

युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिये कौशल विकास मिशन शुरु किया गया है.  युवाओं द्वारा स्थापित लघु उद्योगों के उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग में राज्य सरकार हरसंभव मदद करेगी. उन्होंने कहा कि बैंकों की साख देश की पूंजी है, बैंकर्स इसे ध्यान में रखकर कार्य करें.  उन्होंने आह्वान किया कि सबको मिलकर देश-प्रदेश के लिये कुछ करने का भाव पैदा करना होगा. तभी देश-प्रदेश का विकास संभव है