एक माह में एक लाख यात्रियों ने किए चारधाम यात्रा

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ऋषिकेश। आपदा के बाद इस वर्ष की चारधाम यात्रा कई उम्मीदों के साथ शुरू हुई थी, लेकिन यात्रा का शुरुआती एक महीने का सफर ही उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा। एक माह में चारधाम यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या महज एक लाख तक ही पहुंच पाई है, जबकि बीते वर्ष यात्रा के पहले सप्ताह में ही इससे अधिक यात्री चारधाम के दर्शन कर चुके थे।

बीते वर्ष 16/17 जून को आई दैवीय आपदा के साथ ही चारधाम यात्रा ठप हो गई थी। शंका व संशय के साथ इस वर्ष चारधाम यात्रा शुरू हुई तो आपदा से बेजार पड़े परिवहन व्यवसाय के साथ यात्रा पर निर्भर तमाम छोटे-बड़े व्यवसायियों को कुछ उम्मीद की किरण नजर आई, लेकिन अब जब चारधाम यात्रा एक माह का समय पूरा कर गई है तो यात्रा का रुझान अधिक सकारात्मक नहीं दिख रहा है।

उल्लेखनीय है कि दो मई को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो गया था। चार को केदारनाथ व पांच मई को बदरीनाथ धाम के कपाट भी खुल गए थे। चारधाम यात्रा की शुरुआत ही धीमी रही, जबकि दूसरे सप्ताह पहाड़ों में बर्फबारी व वर्षा के चलते केदारनाथ व बदरीनाथ धाम की यात्रा भी प्रभावित रही। इसके बाद चारधाम यात्रा सुचारु होने पर भी यात्रा पूर्व की भांति गति नहीं पकड़ पाई। यही वजह रही कि एक माह में (30 मई तक) चारधाम के साथ हेमकुंड साहिब के दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या बामुश्किल ही एक लाख के आसपास पहुंच पाई है, जबकि पूर्व के वर्षो में एक सप्ताह के भीतर ही एक लाख से अधिक श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर देते थे।

बीते वर्ष ही मई के दूसरे सप्ताह में चारधाम यात्रा शुरू हुई थी और माह के अंत तक यानी 19 दिनों में छह लाख 92 हजार यात्री चारधाम के दर्शन कर चुके थे। ऐसे में यात्रा से जिस तरह की उम्मीदें लगाई जा रही थी वह अभी तक अधूरी ही नजर आ रही हैं।

बीते वर्ष आपदा में हुई बड़ी जनहानि के बाद इस वर्ष यात्रियों की वास्तविक संख्या के आकलन के लिए पहली बार बायोमैटिक पंजीकरण की व्यवस्था की गई है, लेकिन अभी भी आधे से अधिक यात्री बिना पंजीकरण के ही यात्रा कर रहे हैं। यात्रा प्रशासन संगठन के मुताबिक एक माह में करीब एक लाख यात्री चारधाम के दर्शन कर चुके हैं, जबकि बायोमैटिक पंजीकरण केंद्र के आंकड़े इस संख्या से करीब आधे ही हैं।

बायोमैटिक पंजीकरण की जिम्मेदारी त्रिलोक सिक्योरिटी सिस्टम को सौंपी गई है। कंपनी ने ऋषिकेश, नारसन व हरिद्वार सहित यात्रा मार्ग पर नौ स्थानों पर पंजीकरण की व्यवस्था की है। बायोमैटिक पंजीकरण की प्रक्रिया 31 अप्रैल से शुरू हो गई थी, जबकि अब तक सभी पंजीकरण केंद्रों पर कुल 57402 यात्रियों का ही पंजीकरण हो पाया है। दोनों आंकड़ों में इतना बड़ा अंतर यह बताने के लिए काफी है कि न तो यात्रियों ने ही गत वर्ष की आपदा से सबक लिया है और न ही प्रशासन ही इस व्यवस्था को सख्ती से लागू कर पा रहा है।

केदारनाथ यात्रा मौसम खराब होने से दो घंटे रोकी- श्री बदरीनाथ धाम व हेमकुंड साहिब में यात्रियों के आने का सिलसिला जारी है। सोमवार को श्री बदरीनाथ धाम में 1800 श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर बदरी विशाल के दर्शन किए। वहीं, केदारनाथ में 570 यात्री पहुंचे। दोपहर में मौसम खराब होने के कारण दो घंटे के लिए केदारनाथ यात्रा रोकी गई। सोमवार को जिले के विभिन्न स्थानों पर उमस भरी धूप के बीच हल्की बूंदाबांदी हुई। श्री हेमकुंड साहिब में युवा यात्रियों के अलावा बुजुर्ग तीर्थयात्री भी पहुंच रहे हैं। सोमवार को श्री हेमकुंड साहिब में 450 श्रद्धालु पहुंचे।