खतरनाक वायरस आ रहा है पॉर्न वेबसाइट से

0

इमालवा – विविध। अध्ययनों में पाया गया है कि दुनिया भर में मशहूर पॉर्न यानी अश्लील सामग्री दिखाने वाली वेबसाइटें अपने उपयोगकर्ताओं के लिए ख़तरा बनती जा रही हैं. लाखों लोग इन वेबसाइट का उपयोग करते हैं लेकिन इन पर मौज़ूद विज्ञापन कंप्यूटर को नुक़सान पहुंचाने वाली फ़ाइलें डाल देते हैं. उपयोगकर्ता को इसकी जानकारी नहीं हो पाती है. शोधकर्ता कॉनराड लॉंगमोर ने पाया कि ‘एक्सहैमस्टर’ और ‘पॉर्नहब’ नाम की दो मशहूर वेबसाइटों पर यह ख़तरा कुछ ज्यादा ही था.

 
आसान नहीं है शिकायत
उनका कहना है कि उपयोगकर्ताओं के लिए दुर्भावना से भरे इन विज्ञापनों की शिकायत कर पाना आसान होना चाहिए. लॉंगमोर कहते हैं कि अभी तो यह केवल विंडोज का उपयोग करने वालों के लिए ही ख़तरा हैं लेकिन इसके लिए जिम्मेदार लोग अब मोबाइल फ़ोन पर भी तेज़ी ध्यान दे रहे हैं.हालांकि यह पाया गया कि किसी भी पॉर्न वेबसाइट पर उनका अपना कोई वायरस नहीं था. लेकिन उनपर लगे विज्ञापनों ने उपयोगकर्ताओं के लिए परेशानी खड़ी की.
लॉंगमोर ने बताया,”हम इन दुर्भावनापूर्ण विज्ञापनों को ‘मालवरटाइजिंग’ के नाम से पुकारते हैं.” उन्होंने बताया कि दुनियाभर में इन विज्ञापनों को जिस तरह से बेचा जाता है, वह काफी जटिल है. ऐसे विज्ञापन कई बार दोबारा बेच दिए जाते हैं, इसलिए यह पता लगाना काफ़ी कठिन है कि आख़िर इनके पीछे हाथ किसका है. वे अक्सर अपना रूप बदलते रहते हैं.
लॉंगमोर ने इन आंकड़ों का विश्लेषण करने के लिए वेबसाइटों की नुक़सानदायक सामग्री का नियमित विश्लेषण करने वाली गूगल की सुविधा का सहारा लिया. वेबसाइटों पर नजर रखने वाली वेबसाइट एलेक्सा के मुताबिक़ इंटरनेट पर लोकप्रियता के मामले में ‘एक्सहैमस्टर’ 46वें नंबर पर है. पिछले तीन महीनों में इसके 20 हज़ार 986 पन्नों में से 1067 पन्नों पर ‘मालवरटाइजिंग’ पाए गए.
एलेक्सा के आंकड़ों के मुताबिक़ एक औसत उपयोगकर्ता इसके 10.3 पन्नों को देखता है. इसका मतलब यह हुआ कि इस दौरान उसे इन नुकसानदायक विज्ञापनों का ख़तरा 42 फ़ीसदी है. वहीं दूसरी मशहूर वेबसाइट पॉर्नहब के कुल पन्नों में से 12.7 फ़ीसदी पर नुक़सानदायक विज्ञापन पाए गए.