राजा की बीमारी -एक कहानी

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एक दिन राजा अचानक बीमार पड़ गए और उनकी तबीयत बहुत खराब होने लगी, महामंत्री ने वैध जी को दिखाया तो वह वैध जी कहने लगे कि राजा को अगर मैं सीधे यह बात कहूंगा तो राजा परेशान हो जाएंगे, हो सकता है कि मुझे वह सजा भी सुना दें.

मंत्री ने कहा कि क्या बात है तब वह वैध जी ने कहा कि इनकी कोई भी परेशानी है नहीं है लेकिन यह बिल्कुल भी काम नहीं करते जिस कारण इनके शरीर में बहुत सारी बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं, क्योंकि जब हमारे शरीर से काम नहीं लिया जाता है तो वह धीरे-धीरे बीमार पड़ने लगता है, लेकिन यह बात आप राजा को बताएंगे कि उन्हें काम करना चाहिए तो राजा इस बात के लिए नहीं मानेंगे तो भी आपको ही कुछ ऐसी योजना सोच नहीं पड़ेगी, जिससे कि राजा की बीमारी ठीक हो सके

तब मंत्री को एक उपाय सोचा मंत्री जी राजा के पास गए और कहने लगे महाराज जी आप की बीमारी का इलाज जब हो सकता है जब आप किसी मेहनती आदमी के कपड़े को पहनेंगे तब राजा ने कहा कि क्या कपड़े पहनने से मैं ठीक हो जाऊंगा तब मंत्री ने कहा हां जी बिल्कुल लेकिन ऐसा आप करते हैं तो बिल्कुल ठीक हो जाएंगे तभी राजा ने आदेश दिया कि सबसे मेहनती आदमी के कपड़े मुझे लाए जाएं काफी ढूंढने पर भी कपड़े नहीं मिल पा रहे थे तो राजा खुद ही कपड़े ढूंढने के लिए निकल पड़े जब वह निकले थे तो

एक खेत में काम करता हुआ किसान दिखाई दिया किसान को देखकर समझ गए कि यह सबसे मेहनती आदमी है तो वह किसान के पास गया और कहा कि क्या तुम सबसे मेहनती आदमी हो तभी किसान ने कहा कि हां हुजूर मैं तो सुबह से शाम तक खेती करता हूं और शाम को ही घर जाकर सोता हूं और बड़ी अच्छी नींद मुझे आती है और मैं बहुत खुश रहता हूं तो महाराज ने पूछा की क्या तुम बीमार पड़ते हो तो उसने कहा कि हां कभी-कभी पड़ता हूं लेकिन हमेशा बीमार नहीं रहता हूं तब राजा ने देखा कि यह तो पसीने में पूरा भीगा हुआ है और इसके ऊपर भी कपड़े नहीं है और इसने तो सिर्फ नीचे एक पैजामा ही पहना हुआ है

तब राजा को बात समझ में आ गई कि हम मेहनत करते हैं तो बीमारी हमारे पास भी नहीं आती है लेकिन हमारे शरीर चलता रहता है तो हम हमेशा ठीक रहते हैं तब से राजा ने अपने काम से हटकर भी अपने शरीर से बहुत से काम लेने शुरू कर दिया राजा धीरे-धीरे ठीक होने लगा इसलिए दोस्तों हमेशा हमें अपने शरीर से काम लेना चाहिए जितना हम काम लेंगे यह है उतना ही अच्छा और बेहतर चलेगा.