OMG भगवान के घर भी धरना देते है लोग !

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अभी तक आपने सरकार के खिलाफ धरना देते देखा होगा| और सुना होगा | लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अपनी मांग बनवाने के लिए आप भगवान के दरबार में भी धरना दे सकते हैं |आज हम एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं| जहां लोग अपनी मांगों को पूरा करवाने लिए धरने पर बैठते हैं |

यह मंदिर झारखंड के दुमका जिले में स्थित है| यहां पर भगवान शंकर की पूजा की जाती है| यहा भक्त अपनी मांगों को पूरा करने के लिए धरने पर बैठते हैं| फिर चाहे मांग पूरा होने में कितना ही समय क्यों ना लगे| यहां धरना देने वालों में एक नाम है दीनबंधु झा का, जो पिछले छह सालों से यहां धरने पर बैठे हैं। दीनबंधु झा पेशे से सिविल इंजीनियर हैं। इन्हें पेट दर्द की समस्या काफी समय से थी। रांची के रिम्स से लेकर दिल्ली के एम्स तक सब जगह इलाज करवा लिया लेकिन राहत नहीं मिली।

एक बार वे इलाज के लिए दिल्ली जा रहे थे| अचानक पेट में दर्द होने लगा| सामने की सीट पर बैठे एक व्यक्ति ने उनसे कहा कि आप बासुकीनाथ में इलाज क्यों नहीं करवाते| झा ने पूछा क्या कोई डॉक्टर है वहां पर तो वह व्यक्ति हँसने लगा| तब उसने उस मंदिर की महिमा का गुणगान किया है| तब झा उस मंदिर परिसर पर पहूचे | पहुंचने के बाद उन्हें वहां नींद आ गई | वह कहते हैं कि उन्हें सपने में भगवान शंकर ने दर्शन दिए| और भजन सुनाने को कहा इसके बाद वह प्रतिदिन सुबह शाम भजन गा रहे हैं| उनकी तबीयत ठीक हो गई तो वे घर जाने की कोशिश की| लेकिन भगवान शंकर ने दुबारा सपने में आकर उन्हें रोक दिया जब से वह भगवान की तरफ से हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रहे हैं|इस मंदिर में ऐसे एक दो नहीं, तीन से चार दर्जन लोग पूरे साल बाबा मंदिर में धरना देते हैं। डाॅक्टरों के अनुसार ये महज अंधविश्वास है।

मंदिर में ऐसी अनगिनत कहानियां और दृष्टांत मिल जाएंगे जब कैंसर रोगी एवं असाध्य रोगी के साथ ऐसे मरीज जिसे मेडिकल साइंस ने नकार दिया गया रोगी यहां से ठीक होकर गए हैं। दरअसल, लोगों की ऐसी मान्यता है कि बाबा बैद्यनाथ के दरबार में दीवानी मुकदमों की सुनवाई होती है और बासुकीनाथ में फौजदारी मुकदमे की सुनवाई होती है। ईश्वर से सुनवाई की आस में ही कोई यहां छह महीने से हैं तो कोई छह साल से धरने पर बैठा है। क्यों है न अजीब बात!