मध्य और पूर्व क्षेत्र बिजली कंपनियों ने कटौती प्लान जारी कर दिए हैं। राजधानी भोपाल को कटौती से मुक्त रखा गया है। गुरुवार से तहसील और ग्रामीण क्षेत्रों में दस घंटे तक कटौती होगी।
अस्थायी संकट:
मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के एमडी मनु श्रीवास्तव के अनुसार यह अस्थायी संकट है। सिंगाजी थर्मल पॉवर प्लांट से एक-दो दिन में उत्पादन शुरू हो जाएगा। एनटीपीसी के विंध्याचल से भी उम्मीद है। बारिश हो गई तो हाइडल प्लांट भी शुरू हो जाएंगे।
यह है वजह:
कोयला-पानी की कमी से प्रदेश में बिजली उत्पादन तेजी से कम हुआ है। प्रदेश के सात हाइडल पॉवर प्रोजेक्ट पूरी तरह बंद हैं।
पीक ऑवर में करीब 7200 मेगावाट बिजली की मांग है। सभी स्रोतों से मिला कर करीब 6500 मेगावाट बिजली मिल पा रही है। करीब 700 मेगावाट के इस अंतर को पाटने के लिए दो-तीन दिन से अघोषित कटौती हो रही थी, इसे गुरुवार से घोषित कर दिया गया है।