इमालवा – रतलाम | रतलाम प्रेस क्लब ने एक गरिमामय कार्यक्रम में स्थानांतरित पुलिस अधीक्षक डॉ.रमनसिंह सिकरवार को भावभीनी विदाई और नवागत एसपी डॉ.जी.के.पाठक का स्वागत किया | पावर हाउस रोड स्थित क्लब के भवन पर आयोजित इस कार्यक्रम में शहर की प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मिडिया के सभी प्रमुख प्रतिनिधि मौजूद रहे |
अपने सम्मान से अभिभूत स्थानांतरित एसपी डॉ.सिकरवार ने रतलाम के मीडिया जगत की सराहना करते हुए कहा कि रतलाम की मीडिया ने सदैव गंभीर घटनाओ को संतुलित तरीके से प्रस्तुत किया है जिसके कारण कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में उन्हें काफी मदद मिली. रतलाम के बारे जितना कहा जाता है कि यहां अंडरवर्ल्ड और माफियाओं का बोलबाला है और काफी संवेदनशील है लेकिन मैने जब इसे नजदीक से जाना तो यहां ऐसी कोई गंभीर बात कभी नही पाई |
उन्होंने कहा की सट्टे व जुएं के मामले में यह शहर काफी प्रसिद्ध है लगता है, लेकिन इसके प्रति पुलिस की कार्यवाही को लोगो का भरपूर समर्थन भी मिला है | उन्होंने कहा की रतलाम के लोग काफी अच्छे है | रतलाम में मैने कई अनुभव प्राप्त किये और महसूस किया कि मालवा की इस माटी में प्रेम सदभाव और स्नेह कूट -कूटकर भरा है |
उन्होंने कहा की मिल जुलकर कार्य करने के काफी समस्याओ का निदान अपने आप ही जाता है. यहां की प्रेस की सकारात्मक भूमिका निश्चित ही सराहनीय है जिसे भूल नही सकूंगा. मेरे साथी श्री पाठक को भी प्रेस का महत्वपूर्ण सहयोग सदैव प्राप्त होगा ऐसा मुझे पुरा विश्वास है.
नवागत पुलिस अधीक्षक डॉ.पाठक ने कहा कि उन्हें मंदसौर और नीमच में कार्य करने का मौका मिला है. इसलिए में इस क्षेत्र से काफी हद तक वाकिफ हूं. उन्होनें कहा कि माफियाओ के कारण आम आदमी का जीना दुर्भर हो गया है. इसे सिस्टम से हटाना होगा. उन्होनें कहा कि उपब्धियां और आंकड़ो की बाजीगरी से काम नही चलता बल्कि सिस्टम के प्रति आम आदमी का भरोसा जीतना हर अधिकारी के लिए अधिक महत्वपूर्ण है |
उन्होनें पत्रकारो से कहा कि समाज का खाका अकेले नहीं सबके सहयोग से ही बदला जा सकता है. कभी कभी जनहित मे और राष्ट्रहित में कई ऐसे निर्णय लेना पड़ते है जिससे थोड़ी कड़वाहट उत्पन्न होती है,लेकिन समय के साथ यह भी ठीक हो जाता है. उन्होने कहा कि आजादी के 66 वर्ष बाद भी गरीबी रेखा के नीचे जीवन जीने वाले लोगो के जीवन स्तर में हम सुधार नही कर पाए और उन्हें वह सम्मान नहीं दे पाए जिसके वे हकदार है मिल जुलकर हमें कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे देश की नई तस्वीर बनाने में हम मददगार बन सकें.
उन्होने अपने सारगर्भित विचारो में पत्रकारो से अपेक्षा की कि वे समाज के नवनिर्माण में और प्रशासनिक व्यवस्थाओ के सुधार में उन्हें पूरी मदद करेगें ताकि लोगो की अपेक्षा के अनुरुप हम मिलजुल कर कार्य कर सके.
रतलाम प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष शरद जोशी ने दोनों अधिकारियों की कार्यशैली का जिक्र करते हुए कहा कि डॉ.सिकरवार ने पत्रकारो और पुलिस के बीच संवादहीनता की स्थिति कभी नहीं आने दी सकारात्मक पत्रकारिता के माध्यम से यहाँ के साथियो ने हमेशा जनता और पुलिस के बीच एक पूल के रुप में काम किया उसका ही परिणाम है कि कठिन दौर में पुलिस को कभी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा. डॉ.सिकरवार की कार्यशैली के सभी साथी सदैव कायल रहेगें.उन्होनें डॉ. पाठक के संबध में कहा कि नवागत पुलिस अधीक्षक काफी विद्वान है और पत्रकारिता से भी आपका काफी निकट का संंबंध रहा है इसलिए उनके साथ काम करने में पत्रकारो को कभी कठिनाई उत्पन्न नहीं होगी और न ही वे कभी संवादहीनता की स्थिति उत्पन्न होने देगें ऐसा उन्हें विश्वास है.
प्रारंभ में संस्था अध्यक्ष राजेश मूणत ने कहा कि परंपरा के अनुरुप यह आयोजन करते हुए प्रसन्नता हो रही है. हम उम्मीद करते है कि जिस प्रकार डॉ.सिकरवार के पत्रकारो से बेहतर रिश्ते रहे है. वैसे ही रिश्ते नवागत पुलिस अधीक्षक डॉ.पाठक से भी रहेगे इससे जिले में कानून और व्यवस्था की स्थिति को जनहितैषी बनाने में पुलिस प्रशासन को मदद मिलेगी. अंत में आभार सचिव सुजीत उपाध्याय ने व्यक्त किया.
प्रारम्भ में अतिथियों का स्वागत संस्था के पूर्व अध्यक्ष राजेश जैन, उमेश मिश्रा, श्रेणिक बाफना, आरिफ कुरैशी, नीरज शुक्ला, अरुण त्रिपाठी, प्रो.डी.के.शर्मा, तुषार कोठारी मणीलाल जैन, विनोद संघवी, ऋषिकुमार शर्मा, ललित दख, विजय मीणा, अमित निगम, अशोक शर्मा, गोरधन चौहान, प्रवीण सोनी, सुरेन्द्र ललवानी, गोविन्द उपाध्याय, राकेश पोरवाल, रमेश टांक, वीरेन्द्र हितिया, प्रियेश कोठारी, ललित कोठारी, मुबारिक शैरानी, चांद शर्मा, जितेन्द्रसिंह सोलंकी, सौरभ पाठक, सौरभ कोठारी, डी.एन.पचौली,के.के. शर्मा, असीमराज पाण्डे, जलज शर्मा, भुवनेश पंडित सहित संस्था के सदस्यो ने किया.