इंजीनियर बैठे हड़ताल पर, 14 हजार 879 कार्यों पर होगा असर

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जिले के शासकीय इंजीनियर गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। 5 सूत्रीय मांगों को लेकर इंजीनियरों के हड़ताल पर जाने से जिले के सभी यांत्रिकी विभागों के 1 हजार 825 करोड़ के करीब 14 हजार 879 कार्यों पर असर होगा। संगठन द्वारा लंबे समय से मांगों को लेकर ज्ञापन, धरना प्रदर्शन किया जा रहा था।

मप्र डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन के बैनर तले इंजीनियरों ने गुरुवार को कालिकामाता मंदिर परिसर स्थित बगीचे में नारेबाजी व धरना-प्रदर्शन किया। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा में सब इंजीनियर व एसोसिएशन जिलाध्यक्ष एमएस डावर ने बताया जिले में करीब 90 इंजीनियर में से 87 समर्थन दे चुके हैं। मांगें पूरी नहीं होने तक लोनिवि, जल संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी विभाग, मनरेगा व एमपी आरआरडीए के इंजीनियर हड़ताल पर ही रहेंगे।

मनरेगा सहायक यंत्री सत्येंद्र यादव, पीडब्ल्यूडी में सब इंजीनियर मनोज जैन, लोक सेवा यांत्रिकी विभाग में सब इंजीनियर एसआई आली, मनरेगा में सब इंजीनियर गजेंद्र निगम आदि मौजूद थे।

मनरेगा का भुगतान
मनरेगा के मजदूरों को कब और कितना भुगतान करना है यह विभाग के इंजीनियर ही तय करते हैं। जिले में 6 हजार मजदूरों का भुगतान प्रभावित हो सकता है।

आंगनवाड़ी भवन, शिक्षा विभाग की बिल्डिंग में जारी काम का निरीक्षण नहीं होने के कारण भुगतान में दिक्कत होगी। ठेकेदार भी इंजीनियरों के दिशा-निर्देशों पर ही कार्य करते हैं यह प्रभावित होंगे। साथ ही प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में चल रहे कार्य प्रभावित होंगे।

समग्र स्वस्थ अभियान-
इंजीनियरों के हड़ताल पर होने से अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बन रहे शौचालय के कार्य प्रभावित होंगे। कार्यों का इंजीनियरों द्वारा निरीक्षण व परीक्षण कर बिलों का भुगतान किया जाता है। जिले के 416 गांवों में निर्माण कार्य चल रहेे हैं।

यह हैं प्रमुख मांगें
उपयंत्री संवर्ग को प्रारंभिक वेतनमान ग्रेड वेतन 3200 के स्थान पर 4800 रुपए स्वीकृत करने, मप्र और केंद्र शासन की विभिन्न योजनाओं में कार्यरत डिप्लोमाधारी, डिग्रीधारी, अर्हता प्राप्त संविदा व कार्यभारित स्थापना में कार्य करने वाले उपयंत्रियों को नियमित करने, 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर तृतीय समयमान वेतन देने, 30 साल की सेवा के बाद एक अनिवार्य पदोन्नति देने पीडब्ल्यूडी वर्क मैन्युअल के अनुरूप विभागों का विस्तारीकरण करना शामिल है।