एक घंटे आतिशबाजी, सात मिनट में रावण दहन

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रतलाम। शहर में चार दिन के कर्फ्यू के बाद बाजार खुल गए और आम दिनों की तरह शहर दौड़ने लगा है। शुक्रवार को बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा शहर में उत्साह से मनाया गया। रावण दहन के पहले एक घंटे तक जमकर आतिशबाजी हुई। लाल-पीले, हरे, नीले, गुलाबी रंग की आतिशबाजी से आसमान रंगीन हो गया तो धमाकों की गूंज स्टेडियम में रही। हालांकि महज 7 मिनट में ही रावण दहन हो गया। 

रावण दहन कार्यक्रम परंपरागत स्थान स्टेडियम में शुक्रवार रात नौ बजे तय था। इसके पहले धीरे-धीरे आतिशबाजी शुरू हुई। जिसे देखने लोग सात बजे से ही पहुंचने लगे। इसके बाद रामजी की सवारी स्टेडियम में आई और राम-लक्ष्मण व हनुमान की आरती की गई। विधायक चेतन्य काश्यप, महापौर शैलेंद्र डागा, कलेक्टर डॉ. संजय गोयल, निगम आयुक्त सोमनाथ झारिया, बाजार समिति प्रभारी संदीप यादव सहित अन्य ने भगवान राम का स्वागत किया। कार्यक्रम दौरान बैंड की धुन पर राष्ट्रभक्ति और धार्मिक गानों की धुन बजती रही। संचालन आशीष दशोत्तर ने किया। 

संख्या कम लेकिन उत्साह रहा बरकरार
शाम से ही बाजार में अफवाह फैलने लगी थी कि रावण दहन के दौरान भगदड़ मच सकती है। इस वजह से भी यहां लोगों की संख्या कम दिखाई दी। बाजार समिति प्रभारी संदीप यादव भी इस बात को मानते हैं कि बाजार में लोगों ने ऎसी अफवाह फैला दी जिससे लोग कम आए।

बिना युद्ध लड़े जलाई लंका 
रावण दहन स्थल पर लंका का निर्माण किया गया। पिछले सालों में यहां लंका दहन के पहले राम-रावण सेना के बीच युध भी होता रहा लेकिन इस बार बिना राम-रावण सेना के युद्ध हुए सीधे लंका दहन कर दिया गया। लंका जलाने के बाद रावण जला दिया गया और वह भी पूरी तरह जल गया लेकिन तब भी लंका पूरी तरह नहीं जल पाई। जलने के बाद रावण उलटे हाथ की तरफ गिरा। 

हनुमान ताल में आज होगा रावण दहन
शहर में दूसरा रावण दहन कार्यक्रम हनुमान ताल पर शनिवार को किया जाएगा। श्री राम नवयवुक मंडल के अध्यक्ष पप्पू पुरोहित ने बताया हनुमान ताल पर पिछले दो सालों की तरह इस बार भी रात आठ बजे रावण दहन कार्यक्रम किया जाएगा। यहां आतिशबाजी और भजन के कार्यक्रम होंगे। इसके पहले राम मंदिर से रामजी की सवारी निकलेगी जो रावण दहन स्थल पहुंचेगी।

दहन के दौरान स्टेडियम में यह भी रहा
रावण दहन कार्यक्रम रात नौ बजे तय था। इसके चलते कालिका माता सेवा मंडल की तरफ से रामजी की सवारी भी जल्दी ही निकाली गई और वह पौने नौ बजे स्टेडियम पहुंच गई।रावण दहन के पहले हो रही आतिशबाजी शुरूआत में इतनी धीमी गति से हुई कि आखिर में जाकर समय कवर नहीं हो पाया तो आतिशबाजी करने वाले ने एक साथ कई आतिशबाजी जला दी।
महापौर शैलेंद्र डागा ने आठ बजे बाजार समिति प्रभारी यादव को आतिशबाजी की गति तेज करने को कहा तब जाकर इसमें गति आई।

रावण दहन कार्यक्रम में स्टेडियम में आई भीड़ रावण दहन के बाद मुश्किल से 20 मिनट में ही समाप्त हो गई।अतिथियों के आने से पहले महापौर वीआईपी एरिया में भीड़ के बीच खड़े होकर आतिशबाजी का आनंद लेते रहे।

राम-लक्ष्मण और हनुमानजी को स्टेडियम में पहुंचने के बाद करीब 15 मिनट तक रावण दहन के लिए इंतजार करना पड़ा। इस दौरान उनका स्वागत करने वालों की होड़ मची रही। 

स्टेडियम में पहुंचे लोगों के पास मोबाइल फोन थे जिसमें उन्होंने रावण दहन कार्यक्रम को कैद किया तो किसी ने इसकी वीडियो रिकॉर्डिग भी की। 

– राम-लक्ष्मण और हनुमानजी की सवारी के साथ पहली बार सात झांकियों का कारवां लोगों को देखने को मिला।