एक बार फिर नए नियमों के कारण रुका 33 अवैध कॉलोनियों का नियमितिकरण

0

राजधानी से आए नए नियमों ने 33 अवैध कॉलोनियों का नियमितिकरण रोक दिया। अब निगम को फिर नए नियमों को समझकर योजना बनाने की मशक्कत करना पड़ेगी। कॉलोनियों में मूलभूत कार्यों के लिए निगम ने 36 करोड़ की योजना तैयार की थी, जिसे फरवरी में सीएम मंजूरी दे चुके हैं। योजना पर काम शुरू हो पाता, इसके पहले नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने नियमितिकरण के नए नियम जारी कर दिए। इस कारण प्रोजेक्ट अधर में पड़ गया। पहले चरण में 61 अवैध कॉलोनियों में से 23 को चयनित किया था। इसमें से 17 को मंजूरी मिल चुकी है। इनमें दो बार में 7.61 करोड़ से विकास कार्य भी कराए जा चुके हैं। आयुक्त एसके सिंह का कहना है नियमितिकरण का प्रस्ताव शासन को भेजा था। हाल ही में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने नए नियम जारी किए हैं। इनके अनुसार नगर निगम को फिर से तैयारी करना होगी।

ये कॉलोनियां होंगी वैध
अभयनगर, रेल नगर, गणेश नगर, बाणेश्वरी गृह निर्माण सहकारी समिति, श्रीराम नगर, जनता नगर, भवानीनगर, त्रिमूर्तिनगर, हम्मालनगर, रामरहीम नगर, सेफीनगर, कल्याणनगर, करणनगर, आंधा सेठ की पुलिया, अशोकनगर, ज्योति नगर, लक्ष्मीनगर, मौलाना आजादनगर, बसंत कॉलोनी, ऊंकाला रोड, र|ेश्वर रोड, भाभी गृह निर्माण समिति, लालजी का बाग, मिल्लत नगर, न्यू पटेल कॉलोनी, समता नगर, राजस्वरूप, होमगार्ड कॉलोनी, कुली कॉलोनी, रहमतनगर व अन्य।

ये काम होंगे कॉलोनियों में
सीवरेज सिस्टम के तहत ड्रेनेज लाइन। पाइप लाइन, मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना में। नई मुख्य और उप मुख्य सड़कें बनेंगी। बारिश व गंदे पानी की निकासी के लिए नालियां व अन्य निर्माण।

योजना में कब-क्या हुआ
2015- रतलाम को रोल मॉडल बनाते हुए विधायक चेतन्य काश्यप की पहल पर शासन ने अवैध कॉलोनियों के नियमितिकरण योजना की शुरुआत की थी।

2016-17 कालोनी अवैध होने के बाद, दूसरे चरण में 33 नई कॉलोनियों की डीपीआर बनाकर अगस्त में शासन को भेजी।

2017- फरवरी में नगर उदय अभियान के शुरुआती कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने अवैध कॉलोनियों का नियमितिकरण प्रोजेक्ट भी मंजूर कर दिया।

2.50 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से विकास शुल्क लगेगा, अभी 10 हजार प्रति हेक्टेयर लगता था।

ऐसी कॉलोनी वालों को 20 प्रतिशत विकास राशि लगेगी, एक हजार वर्गमीटर से कम एरिया के 70 फीसदी मकान हैं। 80 प्रतिशत राशि निगम मिलाएगा।

अन्य कॉलोनी वालों के लिए यह राशि 50 प्रतिशत होगी, बाकी नगर निगम या नपा मिलाएगी।

अवैध कॉलोनी को नियमित करने के दौरान कॉलोनाइजर से अपेक्षित राशि वसूल नहीं होने या विलंब पर मूलभूत सुविधा के विकास प्रभावित नहीं होंगे।

जो कॉलोनी नियमित होगी। उससे प्राप्त संपत्तिकर, भवन अनुज्ञा शुल्क व शमन शुल्क राशि को उसी कॉलोनी के विकास में खर्च करना होगा।

प्रक्रिया शुरू होने के बाद विकास के लिए रहवासियों को 20 फीसदी राशि देना होगी, यह सांसद या विधायक निधि से भी जमा कराई जा सकेगी।