जिलाधिकारियो की बैठक में रतलाम कलेक्टर के कड़े तेवर मातहत अफसर हतप्रभ

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इमालवा – रतलाम | अपने सौम्य स्वभाव और कम बोलने की आदत के लिए चर्चित रतलाम कलेक्टर राजीव दुबे के तेवर सोमवार को एकदम बदले – बदले नजर आये | प्रदेश सरकार द्वारा रविवार को की गई बड़ी प्रशासनिक सर्जरी और फेरबदल से अप्रभावित रहे रतलाम कलेक्टर सोमवार को जिला मुख्यालय पर संपन्न जिलाधिकारियों की बैठक में अपने मातहतो को वार्निंग देने वाले अलग ही अंदाज में थे | बैठक के लिए सभाग्रह में मौजूद अफसर इस परिवर्तन से चकित रह गए |
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और संसद सदस्य प्रेमचंद गुड्डू से विवाद के बाद चर्चा में आये कलेक्टर दुबे के बारे में कहा जा रहा था की चुनाव पूर्व की प्रशासनिक सर्जरी उनकी पदस्थापना को बदल देगी |लेकिन इस बड़े फेरबदल से वे अप्रभावित रहे कलेक्टर दुबे ने अगले ही दिन जिलाधिकारियों को अपने तेवर का अंदाज बता दिया | संपन्न बैठक में काम के प्रति लापरवाही को लेकर उन्होंने सभी को कड़े शब्दों में सचेत किया | 
बताया जाता है की बैठक में मोजूद अफसरों को आगाह करते हुए उन्होंने कहा की यदि वित्तीय वर्ष २०१२- २०१३ में प्रदाय  उनके विभाग के बजट में से यदि राशि लैप्स होगी तो  इसे उनकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी माना जाएगा और सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने सभी महत्वपूर्ण विभागों के शेष बजट की जानकारी ली।
बताया जाता है की कलेक्टर ने बैठक में सहायक कोषालय अधिकारी राकेश मेहता को बुलवाकर विभागवार शेष राशि का ब्यौरा लिया। उसके बाद संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि उपलब्ध राशि का वित्तीय वर्ष के समापन के पूर्व उपयोग कर लिया जाए।जनहित में व्यय होने वाली राशि का उपयोग नहीं होने की स्थिति को बेहद गंभीरता से लिया जाएगा।
बताया जाता है की उप संचालक कृषि,सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी नदी घाटी योजना,महाप्रबंधक उद्योग,वन मण्डलाधिकारी,महिला एवं बाल विकास अधिकारी,उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं,सिविल सर्जन तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बैठक में कलेक्टर के निशाने पर रहे।
जिलाधिकारियो के बाद कलेक्टर ने कलेक्ट्रेट की  विभिन्न शाखाओं के प्रभारी अधिकारियों को भी हिदायत दी कि उपलब्ध राशि का समय रहते सदुपयोग सुनिश्चित करें। श्री दुबे ने ताकीद की कि विभागों के भौतिक और वित्तीय लक्ष्य पूरे किए जाने चाहिए। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी को सचेत किया कि यदि पोषण आहार की कमी होने के बावजूद राशि समर्पित की जाती है तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही होगी।
    कलेक्टर श्री दुबे ने बीमारियों के प्रकोप की संभावना के मद्देनजर नगर निगम आयुक्त श्री सोमनाथ झारिया की भी जमकर क्लास ली |  शहर में सफाई व्यवस्था को अभियान के रूप में चलाये जाने के निर्देश देते हुए कलेक्टर ने कहा की कहीं से भी गंदगी के बारे में जानकारी मिलती है तो वहां पर तत्काल सफाई के इंतजाम किए जाने चाहिए।
बताया जाता है की निगम कमिश्नर सोमनाथ झारिया कलेक्टर के तेवर से हतप्रभ रह गए उन्होंने पुख्ता सफाई बंदोबस्त किए जाने और कीटनाशक दवा के छिड़काव के निर्देशों पर तत्काल अमल करने का भरोसा दिलाया।
 बैठक में मौजूद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने भी विभाग की आगामी कार्ययोजना और तैयारियों की जानकारी दी |  स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के अधिकारियों में समन्वय की कमी को देखकर कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग में एक लाईजनिंग आफिसर बनाने के भी निर्देश दिए जो आयुक्त नगर निगम से सतत सम्पर्क में रहे।
    बैठक में अपर कलेक्टर  निर्मल उपाध्याय ने प्रातःकाल देर तक स्ट्रीट लाईट बंद नहीं होने पर ऐतराज जताया। उन्होंने आयुक्त नगर निगम श्री झारिया और अतिरिक्त मुख्य अभियंता विद्युत वितरण कंपनी श्री एस.आर. बमनके को निर्देशित किया कि इस संबंध में आपसी सामंजस्य से उपयुक्त व्यवस्था करें। अपर कलेक्टर श्री उपाध्याय ने गेहूं उपार्जन के लिए की गई व्यवस्थाओं का ब्यौरा भी तलब किया।उन्होंने जिले की मण्डियों में गेहूं की आवक के बारे में भी जानकारी ली। इस सिलसिले में कलेक्टर श्री दुबे ने सभी मण्डी सचिवों,कृषि,नागरिक आपूर्ति निगम,एवं वेयर हाऊस तथा अन्य संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाई जाने के निर्देश दिए।
    बैठक के दौरान समय-सीमा के लम्बित प्रकरणों के बारे में भी समीक्षा की गई। अधिकारियों के बीच सीधे संवाद की बजाय पत्रों का आदान-प्रदान किए जाने के कारण होने वाले विलम्ब को लेकर कलेक्टर ने असंतोष जताया। जिला पंचायत के लम्बित प्रकरणों की समीक्षा के दौरान श्री दुबे ने इस स्थिति पर नाराजगी जाहिर की कि जनपद पंचायतों के सीईओ की ओर से त्वरित जानकारी नहीं भेजी जा रही है। अपर कलेक्टर श्री उपाध्याय ने निर्देश दिए कि कमिश्नर आफिस से प्राप्त हुए पत्रों के सिलसिले में की गई कार्यवाही से अवगत कराया जाए। उन्होंने कहा कि यदि वांछित कार्यवाही पूर्ण नहीं भी हुई हो तो कमिश्नर आफिस को अंतरिम जवाब भेजा जाना चाहिए।