इमालवा – रतलाम | केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने रतलाम में पत्रकारों से चर्चा में कहा कि केंद्र सरकार पर मध्यप्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह द्वारा लगाया जा रहा भेदभाव का आरोप पूरी तरह निराधार है | उन्होंने राज्य में मनरेगा में व्यापक रूप से सामने आ रही भ्रष्टाचार की शिकायतों का जिक्र करते हुए प्रदेश के चार आदिवासी जिलो झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी और धार में केन्द्र से एक विशेष जांच दल भेजे जाने की घोषणा की |
उन्होंने बताया की यह दल आगामी एक पखवाड़े में आएगा और अगले ४५ दिनों में तमाम शिकायतों की जाचं कर अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौपेंगा. उन्होंने प्रदेश सरकार पर संघीय ढाचें के साथ छेड़खानी करने का आरोप लगाते हुए कहा की मध्य प्रदेश सरकार केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के नाम बदल कर मर्यादा का उल्लंघन कर रही है |
श्री रमेश ने कहा की उन पर भारी दवाब है की वे मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ मनरेगा से जुडी शिकायतों की जांच तेज गति से कराकर कार्यवाही करे . लेकिन वे देश के ग्रामीण विकास के मामले को राजनैतिक नजरिये से नहीं लेना चाहते है . उन्होंने कहा की केंद्र से आने वाला जाचं दल जब अपनी रिपोर्ट सौंपेगा, तब वे प्रदेश सरकार से दोषी अधिकारियों को दंडित करने का अनुरोध करेंगे .उन्होंने कहा की मनरेगा के अंतर्गत किये गए कार्यो और उनकी शिकायतों का अलीराजपुर में अवलोकन किया है और प्रारम्भिक द्रष्टि में नजर आता है की गड़बड़ियां हुई है . उन्होंने कहा कि देश के सभी राज्यों में बीपीएल की सूची के फर्जी होने की शिकायते मिल रही है.
बाद में श्री रमेश ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत जिले के नवीन स्वीकृत मार्गों के भूमिपूजन के कार्यक्रम में हिस्सा लिया . यहा आयोजित सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मनरेगा सहित केन्द्र की अन्य योजनाओं की राशि का दुरुपयोग न हो, यह राज्य की जवाबदारी होती है. उन्होंने कहा कि ढाई सौ से अधिक की जनसंख्या के क्षेत्र को प्रधानमंत्री सड़क योजना से अगले दो साल में जोड़ दिया जाएगा.तथा ‘‘योजनाओं का पैसा लाभार्थियों तक पहुंचे इसके लिए आपका पैसा आपके हाथ नाम से योजना प्रारंभ की जा रही है जिससे केन्द्र से सीधे मिलने वाली वित्तीय सहायता आपके हाथ में घर के दरवाजे तक पहुंचेगी.’’
उन्होंने कहा की ‘‘आपको बैंक, पोस्ट आफिस, दलाल या बिचौलिए को कुछ पैसा देना पड़ता है, अब इन सबसे मुक्ति मिल जाएगी. इस योजना के तहत लाभ पेंशन, छात्रवृत्ति सहित अन्य योजनाएं शामिल होंगी. इसके लिए पहले चरण में 51 जिले लिए गए हैं, जिनमें मध्यप्रदेश के तीन जिले – हरदा, होशंगाबाद और खंडवा शामिल हैं.