जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुश्री शोभा पोरवाल के निर्देशानुसार अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री साबिर अहमद खान के मुख्य अतिथ्य में एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी सुश्री पूनम तिवारी के विशेष अतिथ्य में एक विधिक जागरूकता शिविर सज्जन पाडा, मांगरोल ग्राम पंचायत जिला-रतलाम स्थित डेयरी फार्म में आयोजित किया गया।
न्यायाधीश श्री खान ने अपने उद्बोधन में जंगल जमीन और जानवर (पशु) संवर्धन शासन कि योजना के अंतर्गत बताया कि मानव जीवन में जंगल जमीन एवं पशु की अहम भूमिका है। जिला विधिक सहायता अधिकारी, रतलाम द्वारा भी इस योजना अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया गया एवं निरीक्षण में पाया गया कि श्री सांई डेरीफार्म को 14 अगस्त 2016 को प्रारम्भ किया गया था। यहां पर करीब 52 भैसें हैं तथा 18 गाय हैं। उक्त फार्म में भैसों की नस्ल- मुर्रा एवं जफरा प्रजाति की है तथा 18 गायों की नस्ल- ताईवाल एवं गीरगाय प्रजाति की है। प्रतिदिन उनकों गैंहू, काकडा, कपास, भूसे की सानी बनाकर खिलाते हैं। डेयरी में एक गौबर गैस प्लांट संचालित है। डेयरी में काम करने वाले कर्मचारीगण प्रतिदिन गौबर गैस का उपयोग भोजन पकाने में करते है। डेयरीफॉर्म पूर्णतः स्वच्छ है। यहां से प्रतिदिन सुबह और शाम लगभग 150 लीटर दूध की सप्लाई पैकेज्ड पैकेट के माध्यम से की जाती है। जिसमें कोविड-19 से सुरक्षा का पूर्णतः ध्यान रखा जाता है। इसके साथ ही कृषि को वैज्ञानिक तरीके से बढ़ावा देने के लिए पॉली हाऊस प्रभाव के संबंध में एक अन्य शिविर आयोजित किया गया। इस पाली हॉउस में शिमला मिर्च एवं अदरक की खेती की जाती है। श्री अनिल सिसौदिया संचालक सांई डेयरी फार्म सज्जन पाड़ा रतलाम विशेष रूची के साथ इस फार्म को संचालित करते हैं एवं उनके कर्मचारीगण भी विशेष दिलचस्पी के साथ उनके कार्य में सहयोग देते हैं।
इस कार्यक्रम में डॉ. भेरूलाल गामड़, डॉ नवीन शुक्ला, पशु चिकित्सक रतलाम एवं श्री विजय शर्मा, श्री दुर्गाशंकर खिंची पैरालीगल वालेंटियर एवं अन्य कर्मचारीगण उपस्थित थे। उक्त कार्यक्रम में नोवल कोरोना वायरस कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया।