प्राचीनकाल की कुछ परंपराएं आज भी बहुत सारे घरों में निभाई जाती हैं। इनका कोई आधार तो नहीं है, केवल विश्वास और आस्था है। माना जाता है की इनसे घर में सुख-शांति का माहौल तो रहता ही है साथ में लव, लक और मनी से संबंधित किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। सूर्यास्त के समय किसी को भी दूध, दही अौर प्याज नहीं देना चाहिए। इनसे घर की सुख-समृद्धि खत्म हो जाती है।
बुरे सपनों और अनजाने भय से मक्ति के लिए रात को सोने से पहले हनुमान चालीसा का पाठ करें।
महीने में एक बार अॉफिस में मिठाई जरुर ले जानी चाहिए। मिठाई को अपने मित्रों अौर अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर खानी चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में उन्नति के मार्ग खुलते हैं।
रसोईघर में जूठे बर्तन नहीं रखने चाहिए। जूठे बर्तन रखने से लक्ष्मी रुठ कर चली जाती है। यदि अधिक इमरजेंसी हो तो जल से साफ करके रख लेने चाहिए। जिससे धन हानि होने से बचाव होगा।
घर के मुख्यद्वार पर कूड़ादान न रखें। ऐसा करने से पड़ोसियों से दुश्मनी हो जाती है।
मोबाइल, टी. वी आदि में चला लें। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
महीने में एक बार मिश्री युक्त खीर बनाकर परिवार संग अवश्य खानी चाहिए। जिससे घर की दरिद्रता का नाश होता है । इसके साथ ही घर में लक्ष्मी का वास होता है।
बिस्तर पर बैठकर भोजन करने से घर में अंशाति अौर पारिवारिक सदस्यों पर कर्ज चढ़ता है।
रात को सोने से पूर्व रसोईघर में जल से भरी बाल्टी रखने से ऋण से मुक्ति मिलती है। इसी प्रकार बाथरूम में पानी से भरी बाल्टी रखने से जीवन में उन्नति के रास्ते खुलते हैं।
घर में जाले अौर गंदगी जमा न होने दें। ऐसा करने से भाग्य दुर्भाग्य में परिवर्तित हो जाता है। इसके साथ ही बनते कार्य भी बिगड़ने लगते हैं।
घर के मंदिर में जल से भरा कलश सदैव रखना चाहिए। ये पात्र मंदिर के ईशान कोण में रखना पारिवारिक सदस्यों के लिए शुभ होता है।