अमरनाथ परिवार की तीसरी पीढ़ी का क्रिकेट में पदार्पण

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अपने दादा लाला अमरनाथ का अनुकरण करते हुए दिग्विजय अमरनाथ ने श्रीलंका में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया। भारत के लिये पहला टेस्ट शतक जमाने वाले लाला अमरनाथ बाद में कप्तान बने और भारतीय क्रिकेट के महानतम खिलाडि़यों में उनकी गिनती होती है।लाला के बाद बड़े बेटे सुरिंदर ने भारतीय स्कूली लड़कों की टेस्ट टीम की कप्तानी की और बाद में अपने पिता की त… अमरनाथ परिवार की तीसरी पीढ़ी का क्रिकेट में पदार्पण

अपने दादा लाला अमरनाथ का अनुकरण करते हुए दिग्विजय अमरनाथ ने श्रीलंका में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया। भारत के लिये पहला टेस्ट शतक जमाने वाले लाला अमरनाथ बाद में कप्तान बने और भारतीय क्रिकेट के महानतम खिलाडि़यों में उनकी गिनती होती है।लाला के बाद बड़े बेटे सुरिंदर ने भारतीय स्कूली लड़कों की टेस्ट टीम की कप्तानी की और बाद में अपने पिता की तरह पहले टेस्ट में शतक बनाया। दोनों के नाम पहले ही टेस्ट में शतक जमाने का रिकार्ड है। बाद में मोहिंदर अमरनाथ ने क्रिकेट में पदार्पण किया जो 1983 में भारत की पहली विश्व कप जीत के नायक रहे। अब अमरनाथ परिवार की तीसरी पीढी क्रिकेट के मैदान पर उतरी जब सुरिंदर के 22 बरस के बेटे ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया।इससे पहले वह पिछले साल बल्लेबाज के तौर पर चेन्नई में एमआरएफ पेस फाउंडेशन में चुने गए। अपने पिता की तरह खब्बू बल्लेबाज दिग्विजय को गोवा क्रिकेट संघ ने रणजी ट्रायल के लिये बुलाया। एमआरएफ पेस फाउंडेशन में ही श्रीलंका के एक कोच ने उसकी बल्लेबाजी देखी और उसे प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने का न्यौता दिया।बादुरालिया क्रिकेट क्लब ने उन्हें तीन दिवसीय प्रीमियर लीग टूर्नामेंट खेलने के लिये अनुबंधित किया। उन्होंने दूसरे प्रथम श्रेणी मैच में 62 रन बनाये।