पूर्व कप्तान अनिल कुंबले ने कहा कि भारतीय टीम जब विश्व स्तरीय टूर्नामेंट में पहली बार सचिन तेंदुलकर के बिना मैदान पर उतरेगी तो उनकी कमी काफी महसूस होगी लेकिन उन्होंने जोर देते हुए कहा कि टीम में चैम्पियंस ट्राफी में अच्छा प्रदर्शन करने के लिये काफी युवा प्रतिभायें मौजूद हैं।कुंबले ने आईसीसी विज्ञप्ति में कहा, यह आसान नहीं है, लेकिन भारतीय टीम में अ…
पूर्व कप्तान अनिल कुंबले ने कहा कि भारतीय टीम जब विश्व स्तरीय टूर्नामेंट में पहली बार सचिन तेंदुलकर के बिना मैदान पर उतरेगी तो उनकी कमी काफी महसूस होगी लेकिन उन्होंने जोर देते हुए कहा कि टीम में चैम्पियंस ट्राफी में अच्छा प्रदर्शन करने के लिये काफी युवा प्रतिभायें मौजूद हैं।कुंबले ने आईसीसी विज्ञप्ति में कहा, यह आसान नहीं है, लेकिन भारतीय टीम में अच्छा संयोजन है। यह पहली बार होगा जब विश्व चैम्पियनशिप में टीम पहली बार इस महान खिलाड़ी के बिना खेलेगी लेकिन मेरा मानना है कि भारतीय टीम का अच्छा रिकार्ड हे और टीम भी अच्छी है जो सचमुच अच्छा प्रदर्शन करेगी।सचिन तेंदुलकर के विश्व क्रिकेट पर प्रभाव के बारे में कुंबले ने कहा कि वनडे प्रारूप से तेंदुलकर जैसे खिलाड़ी की जगह लेना आसान नहीं होगा।बकौल कुंबले, सचिन तेंदुलकर जैसे खिलाड़ी की जगह लेना कभी भी आसान नहीं होगा। उनकी मैदानी क्षमता को देखते हुए ही नहीं बल्कि मैदान के बाहर वह भारत को जो सम्मान दिलाते हैं, उस संदर्भ में भी।कुंबले ने आगे कहा, जब वह मैदान पर उतरते हैं तो माहौल बदल जाता है, भले ही वह भारत, पाकिस्तान, आस्ट्रेलिया या इंग्लैंड में हों। वह जहां भी दौरे पर जाते हैं, लोग उन्हें खेलते देखने के लिये आते हैं। इंग्लैंड में लोग आईसीसी चैम्पियंस ट्राफी के दौरान लोगों को इसकी कमी महसूस होगी।भारत की ओर से 132 टेस्ट और 271 वनडे खेल चुके कुंबले ने कहा कि इंग्लैड में चैम्पियंस ट्राफी चुनौतीपूर्ण होगी, यह करीबी टूर्नामेंट होगा जिसमें टीम की लय अहम होगी।अपने शानदार कैरियर में 337 वनडे विकेट हासिल करने वाले कुंबले ने कहा, इस टूर्नामेंट में लय सफलता की कुंजी होगी और टीमों को शुरू से ही लय बनाने और इसे पूरे टूर्नामेंट के दौरान बनाये रखने की जरूरत होगी। आप जरा सी भी गलती नहीं कर सकते। यह अच्छा प्रारूप है जिसमें प्रत्येक मैच मायने रखता है और हर मैच फाइनल की तरह होता है। यही आईसीसी चैम्पियंस ट्राफी में प्रत्येक मैच का महत्व है।कुंबले ने कहा, यह इंग्लैंड में गर्मिर्यों के शुरू होने के समय में हो रहा है, तो हालात के अनुकूल होना बड़ी चुनौती होेगी, जो मैच का रूख बदलने की क्षमता रखता है। यही इंग्लैंड में खेलने की खूबसूरती है। उन्होंने कहा कि छह से 23 जून तक चलने वाले टूर्नामेंट में मैच विजता खिलाडि़यों की फिटनेस महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी।