निक के लिए नहीं ली जा रही थर्ड अंपायर की हेल्‍प!

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भारत के विरोध के कारण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्तमान सीरीज में निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) का उपयोग नहीं किया जा रहा है, लेकिन यहां यह जानने के लिए भी तीसरे अंपायर का सहारा लिया जा रहा है कि गेंद ने बल्ले को स्पर्श (निक) किया या नहीं।ऐसे ही मामले में सचिन तेंदुलकर को सोमवार को आउट देने के लिए मैदानी अंपायरों को तीसरे अंपायर का सहारा लिया। भारतीय… निक के लिए नहीं ली जा रही थर्ड अंपायर की हेल्‍प!

भारत के विरोध के कारण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्तमान सीरीज में निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) का उपयोग नहीं किया जा रहा है, लेकिन यहां यह जानने के लिए भी तीसरे अंपायर का सहारा लिया जा रहा है कि गेंद ने बल्ले को स्पर्श (निक) किया या नहीं।ऐसे ही मामले में सचिन तेंदुलकर को सोमवार को आउट देने के लिए मैदानी अंपायरों को तीसरे अंपायर का सहारा लिया। भारतीय पारी के 125वें ओवर में जेम्स पैटिनसन की गेंद पर तेंदुलकर ने विकेटकीपर मैथ्यू वेड को कैच थमाया। मैदानी अंपायरों कुमार धर्मसेना और मारियास इरासमुस ने हालांकि उन्हें आउट नहीं दिया और यह मामला अधिक जटिल बना दिया।ऑस्ट्रेलिया की जोरदार अपील के बावजूद इरासमुस कुछ देर तक चुपचाप खड़े रहे और उन्होंने फिर तीसरे अंपायर एस रवि के पास रेफरल भेज दिया। नियमों के अनुसार तीसरा अंपायर केवल यही फैसला कर सकता है कि कैच सही लिया गया है या नहीं। लेकिन स्थिति यहां तक पहुंच गई कि रवि को यह भी पता करना पड़ा कि गेंद बल्ले को छूकर निकली थी या नहीं।इसी तरह की घटना पहले दिन भी घटी थी, जबकि भारतीयों ने मोएजेस हेनरिक्स के खिलाफ कैच की अपील की थी। इरासमुस ने तीसरे अंपायर का सहारा लिया और उन्होंने बताया कि गेंद ने बल्ला या दस्ताने का किनारा नहीं लिया है। रवि से मशविरा करने के बाद हेनरिक्स को नाबाद करार दिया गया।लेकिन सोमवार को तेंदुलकर भाग्यशाली नहीं रहे और रवि के साथ बातचीत के बाद इरासमुस ने उन्हें आउट दे दिया। तेंदुलकर चुपचाप पवेलियन लौट गए, लेकिन इससे रेफरल के नियमों को लेकर सवाल उठने लगे। हालांकि जो फैसला दिया गया वह सही था।