माही आर्मी ने कंगारुओं का कर दिया क्लीन स्वीप। 4-0 से जीत हमेशा खास है लेकिन इस जीत ने हर मैच के साथ टीम इंडिया को दिया है एक नया हीरो। यंगिस्तान के दम पर मिली इस जीत के साथ यह भी तय हो गया रख दी गई है नईं टीम इंडिया की बेहद मज़बूत बुनियाद।विरोधी को उसी की भाषा में मुंहतोज़ जवाब देने की अदा, कौन न कुर्बान जाए माही के इन युवा मतवालों पर जिसकी बदौलत… माही आर्मी ने कंगारुओं का कर दिया क्लीन स्वीप। 4-0 से जीत हमेशा खास है लेकिन इस जीत ने हर मैच के साथ टीम इंडिया को दिया है एक नया हीरो। यंगिस्तान के दम पर मिली इस जीत के साथ यह भी तय हो गया रख दी गई है नईं टीम इंडिया की बेहद मज़बूत बुनियाद।विरोधी को उसी की भाषा में मुंहतोज़ जवाब देने की अदा, कौन न कुर्बान जाए माही के इन युवा मतवालों पर जिसकी बदौलत टीम इंडिया ने खेली कोटला में क्लीन स्वीप की होली। इस जीत का हीरो न तो सचिन सहवाग हैं ना ही गंभीर, हरभजन। यह जीत है जडेजा, अश्विन, विजय, पुजारा और कोहली की।फिरकी के नए फनकारअश्विन और जडेजा की फिरकी ने बांधा समां तो बाकी युवाओं ने भी दिखाई अपनी ताकत। एक कोटला का मैन ऑफ द मैच तो दूसरा मैन ऑफ द सीरीज। फिरकी की इस फांस ने तय कर दिय़ा की अब टीम को नहीं है भज्जी की जरूरत, अब नहीं खलेगी जम्बो की कमी, अब स्पिन के मामले में टीम है अपने पैरों पर खड़ी। सीरीज शुरु हुई तो अश्विन फॉर्म को लेकर सवालों में थे तो जडेजा के सिर धोनी के चेहते होने का टैग चस्पा था लेकिन दोनों ने लगा दिया मजह 4 मैचों में आलोचकों की जुबान पर ताला।ओपनर्स की आग में झुलसे कंगारूकंगारुओं के खिलाफ हाई प्रोफाइनल सीरीज में मिला शिखर धवन और मुरली विजय जैसे सलामी बल्लेबाजों को मौका। मुरली विजय के बल्ले से निकले सीरीज में सबसे ज्यादा रन। मुरली विजय ने चार टेस्ट में 61 से ज्यादा की औसत से बनाए 430 रन जिसमें शामिल रहे दो शतक और एक अर्धशतक। वहीं शिखर धवन की धुंआदार पारी की बदौलत मोहाली में 4 दिन में मारा टीम इंडिया ने मैदान। मोहाली टेस्ट में धवन के बल्ले से निकली 187 रन की लाजवाब पारी। इसके अलावा पुजारा ने भी बखूबी अदा किया अपना रोल। सलामी बल्लेबाज के तौर पर भी पुजारा ने जमाया जोरदार पंच। सीरीज में पुजारा ने 83 से ज्यादा की एवरेज से बनाए 419 रन जिसमें शामिल है एक शतक और दो अर्धशतक। साथ ही तय कर दिया कि अब नहीं है टीम को बार बार फेल होते सहवाग और गौती की दरकार।क्लीन स्वीप में कोहली का ‘विराट’ वारकोहली टीम इंडिया के मिडिलऑर्डर की जान है और इस जान ने हमेशा की तरह जान फूंक दी। अपने प्रदर्शन में कोहली ने सीरीज में 56 से ज्यादा की एवरेज से ठोके 284 रन। खास बात यह कि अहम मौकों पर चला है कोहली का बल्ला।भुवी भी रहे जोरदारस्विंग के नए सुल्तान ने डेड पिचों पर भी अपनी स्विंग से खींचा सबका ध्यान अपनी ओर। भले ही कागजों पर उन्होंने चार टेस्ट में छह विकेट ही चटकाए हो लेकिन भुवी का यह प्रदर्शन उन पिचों पर रहा जहां फिरकी का रहा बोलबाला। खासकर मोहाली टेस्ट की दूसरी पारी में जहां भुवी ने की टीम की जीत तय। यानी यह है हर जीत के साथ टीम को मिले नई टीम इंडिया के वो युवा चेहरे जिन्होंने दिखाई है पस्त होते भारत के टेस्ट भविष्य को उम्मीग की नईं किरण।