मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को लेकर पाकिस्तानी तालिबान के प्रवक्ता के बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया और इसको लेकर ये संगठन बहुत खफा भी है. पाकिस्तानी तालिबान ने ऐसा करने वाले पत्रकारों और मीडिया संगठनों को धमकी भी दे डाली है.
इस बयान में तेंदुलकर के संन्यास पर उन्हें अधिक तवज्जो नहीं देने के लिए कहा गया था. मुल्लाह फजलुल्लाह की अगुवाई वाले तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की शुरा काउंसिल ने उन पत्रकारों और मीडिया संगठनों पर हमला करने का फैसला किया है जिन्होंने उसके प्रवक्ता शाहिदुल्लाह शाहिद के तेंदुलकर और पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कप्तान मिसबाह उल हक से संबंधित बयान को प्रकाशित या प्रसारित किया था.
‘द न्यूज’ ने तालिबान के अज्ञात वरिष्ठ नेता और शुरा के सदस्य के हवाले से कहा, ‘मंगलवार की बैठक में हमने केवल उन पत्रकारों और मीडिया संगठनों को निशाना बनाने का फैसला किया है जिन्होंने शाहिदुल्लाह शाहिद के हाल में दिए गए बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तालिबान की छवि को नुकसान पहुंचाया.’
उन्होंने कहा, ‘तालिबान से जुड़े लोगों के खास समूह को प्रवक्ता के बयान को तोड़ मरोड़कर पेश करने वाले पत्रकारों और मीडिया संगठनों के बारे में जानकारी जुटाने का काम सौंपा गया है.’ सोशल मीडिया नेटवर्क पर जारी टीटीपी प्रवक्ता के शुरुआती वीडियो क्लिप में टीटीपी प्रवक्ता को तेंदुलकर पर कवरेज के लिए पाकिस्तानी मीडिया की आलोचना करते हुए दिखाया गया है.
लेकिन पूरे वीडियो में उनकी पूरी टिप्पणी है जिसमें दिखाया गया है वह मीडिया की आलोचना नहीं कर रहे हैं लेकिन इसमें उन्होंने कहा था कि जो लोग मारे गए उग्रवादियों को शहीद मानने के खिलाफ हैं, वे ठीक उसी तरह के लोग हैं जो तेंदुलकर की इसलिये तारीफ नहीं करना चाहते क्योंकि वह भारतीय हैं. यहां तक कि पूरा वीडियो सामने आने के बावजूद कुछ स्थानीय और कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन इस रिपोर्ट पर कायम रहे कि तालिबान ने तेंदुलकर पर कवरेज के लिये पाकिस्तानी मीडिया को आगाह किया है.