साई ने नॉब्स को दिखाया बाहर का रास्ता

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भारतीय हॉकी टीम के चीफ़ कोच माइकल नोब्स की हो गई है छुट्टी। परफ़ॉर्म न कर पाने की वजह से नोब्स को दिखा दिया बाहर का रास्ता। नोब्स भारतीय हॉकी टीम के ऐसे चौथे विदेशी कोच बन गए हैं जिसकी कार्यकाल ख़त्म होने से पहले ही कर दी गई छुट्टी।हॉकी इंडिया के सेकेटरी जनरल नरेंद्र बत्रा ने नोब्स के भारतीय हॉकी के साथ रिश्ते ख़त्म होने की बात पर मोहर लगा दी है ले… साई ने नॉब्स को दिखाया बाहर का रास्ताभारतीय हॉकी टीम के चीफ़ कोच माइकल नोब्स की हो गई है छुट्टी। परफ़ॉर्म न कर पाने की वजह से नोब्स को दिखा दिया बाहर का रास्ता। नोब्स भारतीय हॉकी टीम के ऐसे चौथे विदेशी कोच बन गए हैं जिसकी कार्यकाल ख़त्म होने से पहले ही कर दी गई छुट्टी।हॉकी इंडिया के सेकेटरी जनरल नरेंद्र बत्रा ने नोब्स के भारतीय हॉकी के साथ रिश्ते ख़त्म होने की बात पर मोहर लगा दी है लेकिन साथ ही बत्रा ने ये भी कहा की माइकल नोब्स ख़ुद ही भारतीय हॉकी का साथ छोड़ना चाहते थे क्योंकि नोब्स को लगने लगा था कि वो अपने काम के साथ इंसाफ़ नहीं कर पा रहे। ओल्टमैन्स के साथ एक मीटिंग के दौरान नॉब्स ने एक बार ख़ुद ही इस्तीफ़ा देने की पेशकश की थी। उनकी कोचिंग स्टाइल को लेकर बातें थीं। ओल्टमैन्स को लगता था कि कुछ मामलों में हम कमज़ोर पड़ रहे हैं लेकिन नॉब्स उन क्षेत्रों में सुधार नहीं कर पा रहे हैं, जिसकी वजह से मन मुताबिक नतीजे नहीं मिल पा रहे हैं।साथ ही स्पोर्ट्स आथोरटी ऑफ़ इंडिया भी भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन से नाख़ुश थी। नोब्स के टेनयोर में भारतीय टीम ने लंदन ओलंपिक के लिए क्वालिफ़ाइ करने के अलावा कोई बड़ा कारनाम नहीं किया। जून में ख़त्म हुई एफ़आईएच वर्ल्ड लीग में भी टीम वर्ल्ड कप में डायरेक्ट एंट्री का टिकट हासिल करने में नाकाम रही। जब 2011 में नोब्स कोचिंग का ज़िम्मा संभाला था तो सभी उम्मीद कर रहे थे कि नोब्स भारतीय हॉकी की क़िस्मत बदल देंगे और उन्हें मोटी तन्ख़ाह पर 5 साल का कॉनट्रैक्ट दिया गया था लेकिन भारतीय हॉकी टीम और नोब्स का साथ लगभग 2 साल तक ही रह सका।जब तक भारतीय हॉकी टीम को कोई नया चीफ़ कोच नहीं मिलता तब तक टीम के हाई परफ़ॉर्मेंस मैनेजर ओल्टमैन्स कोचिंग की अतिरिक्त ज़िम्मेदारी भी संभालेंगे लेकिन जिस कड़वाहट के साथ भारत के ऑस्ट्रलियन कोच और टीम का ये रिश्ता टूट टीस लंबे वक़्त तक महसूस होती रहेगी।