टीम इंडिया के ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह बुरे दौर से गुजर रहे हैं टर्निंग ट्रैक पर भी विकेट के लिए जदोजहद्द करनी पड़ रही है। मोहाली के अपने होमग्राउंड पर बेहतर प्रद्रशन का दवाब है ऐसे में सारी मुसीबतों से निजात पाने के लिए भज्जी ने ढूंढ लिया है एक नया कोच़।अब तक मास्टर ब्लास्टर को आपने अपने साथियों को बल्लेबाजी के गुर सिखाते देखा होगा लेकिन अब मास्टर बने…
टीम इंडिया के ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह बुरे दौर से गुजर रहे हैं टर्निंग ट्रैक पर भी विकेट के लिए जदोजहद्द करनी पड़ रही है। मोहाली के अपने होमग्राउंड पर बेहतर प्रद्रशन का दवाब है ऐसे में सारी मुसीबतों से निजात पाने के लिए भज्जी ने ढूंढ लिया है एक नया कोच़।अब तक मास्टर ब्लास्टर को आपने अपने साथियों को बल्लेबाजी के गुर सिखाते देखा होगा लेकिन अब मास्टर बने है हरभजन सिंह के बॉलिंग कोच। मास्टर दे रहे हैं भज्जी को ऑफ स्पिन के टिप्स ताकि वो कर सके अपने होमग्राउंड मोहाली में कमबैक। वैसे इस वक्त भज्जी को है सचिन के साथ की सबसे ज्यादा जरुरत भी। 101 टेस्ट खेल चुके भज्जी नहीं कर पा रहे है कंगारुओं के खिलाफ परफॉर्म उनसे ज्यादा कमाल तो पार्ट टाइमर जडेजा कर रहे हैं जिनके खाते में हैं दो टेस्ट में ग्यारह विकेट जबकि भज्जी ने लिए दो टेस्ट में सिर्फ पांच विकेट।लेकिन अब हो सकता है मास्टर का गुरु मंत्र कामकर जाए और भज्जी के होमग्राउंड पर उनके आंकड़े हो जाए और भी दुरुस्त। भज्जी ने मोहाली में अब तक खेले हैं कुल छह टेस्ट जिसमें उन्होंने साढ़े अट्ठाइस की औसत से झटके हैं 24 विकेट, वहीं कंगारुओं के खिलाफ अपने होमग्राउंड में भज्जी ने दो टेस्ट में चटकाए हैं दस विकेट। इससे पहले साल दो हजार दस में बल्लेबाजी में भी मास्टर बने थे भज्जी के गुरु और तब शिष्य हरभजन ने शतक जमाकर दी थी मास्टर को गुरुदक्षिणा। उम्मीद है कि हरभजन अब मोहाली में भी मास्टर के गुरु मंत्र की बदौलत अपनी फिरकी में फंसाएंगे कंगारुओं को और सचिन को देंगे ज्यादा से ज्यादा विकेट झटकर खास गुरुदक्षिणा।