कौन कहता है कि मैं हार से परेशान नहीं होता: महेन्द्र सिंह धोनी

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लगातार दो जीत से आत्मविश्वास से भरे भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने हैदराबाद टेस्ट जीतने के बाद स्वीकार किया कि इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल में हार के बाद वह काफी दबाव में थे और उन्होंने खुद पर सवाल उठाना शुरू कर दिया था।धोनी ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में जीत के बाद कहा, यह काफी मुश्किल स्थिति होती है। आप खुद पर सवाल उठाने… कौन कहता है कि मैं हार से परेशान नहीं होता: महेन्द्र सिंह धोनी

लगातार दो जीत से आत्मविश्वास से भरे भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने हैदराबाद टेस्ट जीतने के बाद स्वीकार किया कि इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल में हार के बाद वह काफी दबाव में थे और उन्होंने खुद पर सवाल उठाना शुरू कर दिया था।धोनी ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में जीत के बाद कहा, यह काफी मुश्किल स्थिति होती है। आप खुद पर सवाल उठाने लगते हो। यही वजह है कि हम सभी इंसान है और जो भी यह कहता है कि वह (हार से) परेशान नहीं होता तो वह झूठ बोलता है।उन्होंने आगे कहा, यदि आप मुश्किल परिस्थितियों से गुजरते हो तो ऐसा होगा। आप दबाव महसूस करने लगोगे लेकिन आखिरकार आप अपने देश के लिये अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हो। ऐसी स्थिति में कुछ भी आपके अनुकूल नहीं होता है लेकिन आपको एकाग्रता बनाए रखनी होती है और नकारात्मक विचारों को दूर रखना पड़ता है।भारतीय कप्तान ने कहा, इंसान इतना अधिक विकसित इसलिए ही है क्योंकि हमारी प्रकृति में जिग्यासा और भावनाएं जुड़ी हुई हैं। दरअसल, धोनी से पूछा गया था कि इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया के खिलाफ 0-8 की हार की बाद में वह कैसा महसूस कर रहे थे।टेस्ट मैच जीत में सौरव गांगुली को पीछे छोड़ने के सवाल पर धोनी ने कहा, मैं समझता हूं कि इसे बहुत बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया, क्योंकि अब मैं जिस तरह का ड्रेसिंग रूम देखता हूं मुझे नहीं लगता कि कोई खिलाड़ी इसकी परवाह करता है कि किसने कितने मैच जीते। टेस्ट मैच जीतना महत्वपूर्ण है। हम जितना अच्छा प्रदर्शन करेंगे टीम उतना फायदे में रहेगी। आंकड़े हमारे लिये मायने नहीं रखते।उल्लेखनीय है क्रिकेट में एक चलन बन गया है कि अधिकतर टीमें अपनी सरजमीं पर जीत दर्ज कर रही है और धोनी का मानना है कि यह इस पर निर्भर करता है कि कौन अपनी धरती पर अधिक मैच खेलता है।बकौल धोनी, मुझसे इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया में हमेशा सवाल किया गया कि हम जीवंत विकेट क्यों तैयार नहीं करते। हम अपनी 80 प्रतिशत क्रिकेट स्वदेश में खेलते हैं और हम इन परिस्थितियों में वास्तव में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। इसलिए जब हम विदेशों में खेलते हैं तो परिस्थितियां एकदम से भिन्न होती है और वह चुनौती है। यदि प्रत्येक विकेट एक जैसा बनने लगे तो फिर टेस्ट क्रिकेट चुनौतीपूर्ण नहीं रहेगा।धोनी का मानना है कि सीनियर आफ स्पिनर हरभजन सिंह की फार्म में धीरे धीरे सुधार हो रहा है, क्योंकि जब कोई सीनियर खिलाड़ी जिसने कई अंतरराष्ट्रीय विकेट लिए हों, वापसी करके टीम में अपनी जगह पक्की करता है तो यह किसी जूनियर की तुलना में उसके लिए अधिक मुश्किल काम होता है, लेकिन हरभजन मैं सुधार हो रहा है।धोनी के मुताबिक लोग इंग्लैंड के खिलाफ हरभजन की गेंदबाजी से खुश नहीं थे और मैं भी उन्हें अधिक ओवर नहीं दे पाया था। जब आप तीन स्पिनरों के साथ खेलते हो तो ऐसा होता है। एक गेंदबाज का कम उपयोग होता है।उन्होंने कहा, इसके बाद उसका 100वां टेस्ट आ गया और उस पर काफी दबाव था। चेन्नई में दूसरी पारी में उसने अच्छी गेंदबाजी की थी।गौरतलब है चेतेश्वर पुजारा ने हाल में कहा कि उनकी असली परीक्षा दक्षिण अफ्रीका की उछाल वाली पिचों पर होगी, धोनी ने मजाकिया अंदाज में कहा, वह टीवी चैनल अधिक देखता है, इसलिए उसने ऐसा कहा।हालांकि बाद में धोनी ने कहा, मैं हमेशा वर्तमान में जीने में विश्वास करता हूं। निश्चित तौर पर उसने मानदंड तय किए हैं, लेकिन उसे वर्तमान का लुत्फ उठाने की जरूरत है।