मोहाली टेस्‍ट: टीम इंडिया की राह बेहद आसान

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मैच शुरु होने से पहले ही कंगारु टीम के 4 विकेट उड़ गए हैं और हालात यह हैं कि मुकाबले के लिए कंगारु टीम को 11 खिलाड़ी पूरे करने भी भारी पड़ रहे हैं ऐसे में टीम इंडिया की राह बेहद आसान नजर आती है।4 अहम खिलाड़ियों के टीम से बाहर होने और टीम में बगावत होने के बाद भी चाहे कंगारू कोच मिकी आर्थर को बाकी खिलाड़ियों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद हो लेकिन कोच… मोहाली टेस्‍ट: टीम इंडिया की राह बेहद आसानमैच शुरु होने से पहले ही कंगारु टीम के 4 विकेट उड़ गए हैं और हालात यह हैं कि मुकाबले के लिए कंगारु टीम को 11 खिलाड़ी पूरे करने भी भारी पड़ रहे हैं ऐसे में टीम इंडिया की राह बेहद आसान नजर आती है।4 अहम खिलाड़ियों के टीम से बाहर होने और टीम में बगावत होने के बाद भी चाहे कंगारू कोच मिकी आर्थर को बाकी खिलाड़ियों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद हो लेकिन कोच को यह भी पता है कि टीम अब और कमज़ोर ज़रूर हो चुकी है। यही वजह है कि कमज़ोर कंगारूओं के खिलाफ़ अब टीम इंडिया का 4-0 की जीत का सपना साकार होता नज़र आ रहा है और खासकर मोहाली में मैदान मारने की स्क्रिपट पूरी तरह तैयार है।दरअसल 2 टेस्ट में जीत के बाद पहले ही माही आर्मी का मनोबल सातवें आसमान पर है। आमतौर पर पेसर्स की मददगार मोहाली की विकेट भी इस बार स्पिनर्स के लिए बनाई गई है और अब वॉटसन समेत चार खिलाड़ियों को बाहर करके तीसरा टेस्ट शुरू होने से पहले ही कंगारू मैनेजमेंट ने टीम इंडिया को थाली में जीत सजा कर दे दी है। कंगारूओं के पास अब चयन के लिए सिर्फ 12 खिलाड़ी मौजूद हैं। सीरीज़ में वापसी के लिए पैटिंसन, वॉटसन, जॉनसन और ख्वाजा कितने अहम थे इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि साल 2010 में खेले गए मोहाली टेस्ट में वॉटसन ने जहां पहली पारी में शतक और दूसरी पारी में अर्धशतक जड़ा था तो वहीं मिशेल जॉनसन ने इस टेस्ट में किए थे एक पारी में 5 शिकार जबकि पैटिंसन ने मौजूदा सीरीज़ में कंगारूओं की तरफ़ से सबसे ज्यादा विकेट लिए हैं।पैटिंसन के नाम 2 टेस्ट में 24 से कम की बेहतरीन औसत से 8 विकेट हैं और ख्वाजा को दूसरे टेस्ट में शिकस्त के बाद टीम मैनेजमेंट प्लेइंग इलेवन में शामिल करने की बात कर रहा था। अलावा इसके वॉटसन भारत सीरीज खेलने आई बेहद अनुभवहीन खिलाड़ियों में से क्‍लार्क के बाद दूसरे सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं। जाहिर उनके बिना कंगारु टीम के लिए करो या मरो की बाज़ी में बेहद कमज़ोर पड़ गई है।आंकड़ों का साथ:कंगारु टीम कमज़ोर है और ऊपर से आंकड़े कह रहे हैं कि यहां टीम इंडिया हमेशा ऑस्ट्रेलिया पर भारी पड़ी है। कंगारुओं के खिलाफ खेले दो टेस्ट में टीम इंडिया ने दोनों में विजय हासिल की है। जाहिर है कंगारु टीम के लिए इन हालातों में दो जीत के साथ आत्मविश्वास से लबरेज़ टीम इंडिया से पार पाना नहीं होगा आसान। तो बदले की आग को ठंडा करने और सीरीज को अपने नाम करने के लिए मोहाली का मैदान टीम इंडिया को बेहतरीन मौका दे रहा है। जीत की कहानी तैयार है और जरूरत है उसको हकीकत में बदलने की।इन दो जीत के साथ टीम इंडिया का आधा बदला पूरा हो चुका है लेकिन कंगारू सरजमी पर मिले क्लीन स्वीप के अपमान की रंजिश अभी दिल में खटास बनाए हुई है और अब इस अपमान की बडी किश्त चुकता करने का वक्त आ गया है मोहाली में जीत के साथ टीम इंडिया अपने नाम कर लेगी सीरीज। इसीलिए यह वक्त दो जीत के जश्न मनाने का नहीं बल्कि वापसी की जी-तोड़ कोशिश कर रहे कंगारुओं को पूरी तरह तोड़ने का है क्‍योंकि माही आर्मी का मिशन 4-0 का बदला पूरा कर एक नईं विजयगाथा लिखने का है।बनो टेस्ट में दो नंबरी:टीम इंडिया दो टेस्ट में तो जीत हासिल कर चुकी है लेकिन सीरीज़ में 4-0 से जीत माही आर्मी को टेस्ट में नंबर दो की पोज़ीशन पर पहुंचा सकती है। कंगारूओं और भारत की टेस्ट सीरीज़ से पहले आईसीसी टेस्ट रैंकिंग पर नज़र डाले तो टीम इंडिया 105 अंकों के साथ चौथे पायदान पर है लेकिन टीम इंडिया की 4-0 की जीत और न्यूज़ीलैंड में चल रही अंग्रेज़ों और कीविज के बीच 3 टेस्ट की सीरीज़ में न्यूज़ीलैंड की कम से कम 1-0 की जीत माही आर्मी को आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में दूसरे पायदान पर पहुंच जाएगी और 31 मार्च को माही आर्मी को मिलेंगे टेस्ट में नंबर दो रहने के लिए तकरीबन एक करोड़ 90 लाख रूपए। यानि टीम इंडिया के पास फिर से टेस्ट में नंबर वन बनने की पहली मंज़िल हासिल करने का सुनहरा मौका है।मोहाली की कंडीशंस से सावधान!चेन्नई में भारतीय स्पिनर्स ने 20 के 20 विकेट हासिल किए जबकि हैदराबाद में फिरकी से माही आर्मी ने 19 में से 14 विकेट चटकाए लेकिन मोहाली में विकेट पूरी तरह से स्पिनर्स की मददगार नहीं रहने वाली क्योंकि पीसीए की पिच हमेशा से पेसर्स की मुफ़ीद रही है जिसमें तेज़ी भी होती है और गेंद स्विग भी। यकीन न हो तो इन आंकड़ो को देख लीजिए, मोहली में हुए 10 मुकाबलों में तेज़ गेंदबाज़ों के हिस्से आए हैं 165 विकेट जबकि स्पिनर्स ने किए हैं 120 शिकार। हालांकि मार्च के महीने मे हर रोज बढ़ती गर्मी के बीच स्पिनर्स का रोल भी यहां इस बार बेहद अहम रहने वाला है यानि अब अश्विन और जडेजा के साथ ईशांत और भुवनेश्वर को मिलकर दिखाना होगा दम और कंगारूओं के सबसे बड़े हथियार रफ्तार से भी माही आर्मी के बल्लेबाज़ों को पार पाना होगा।