5 पांडवों की बदौलत हुआ मोहाली टेस्‍ट फतह

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4 दिन के मैच में नतीजे की संभावना कम थी लेकिन माही आर्मी ने किया कंगारुओं पर ऐसा वार की जीत तो मिली ही सीरीज भी हो गई भारत के नाम और इस कारनामे को अंजाम देने के पीछे हाथ रहा टीम इंडिया के पांच पांडवों का। कौन है वो पांच पांडव बताएंगे आपको लेकिन पहले हम आपको बताएंगे कि कैसे इन पांडवों ने रची टीम इंडिया की विजयगाथा।होली के रंग खिलनें चाहे अभी वक्त हो… 5 पांडवों की बदौलत हुआ मोहाली टेस्‍ट फतह4 दिन के मैच में नतीजे की संभावना कम थी लेकिन माही आर्मी ने किया कंगारुओं पर ऐसा वार की जीत तो मिली ही सीरीज भी हो गई भारत के नाम और इस कारनामे को अंजाम देने के पीछे हाथ रहा टीम इंडिया के पांच पांडवों का। कौन है वो पांच पांडव बताएंगे आपको लेकिन पहले हम आपको बताएंगे कि कैसे इन पांडवों ने रची टीम इंडिया की विजयगाथा।होली के रंग खिलनें चाहे अभी वक्त हो लेकिन मोहाली में खिल उछी है जीत की होली। सीरीज धोनी की टीम के नाम है और 4-0 के अपमान का बदला महज एक कदम दूर। मोहाली टेस्ट के पहले दिन का खेल बारिश की वजह से धुला तो नतीजे की उम्मीद कम ही नज़र आ रही थी लेकिन दो टेस्ट फतह कर जीतके रथ पर सवार टीम इंडिया कहा जीत से कम पर मानने वाली थी। हैदराबाद में सवा तीन दिन के अंदर जीत हासिल करने के बाद माही आर्मी ने मोहाली में 4 दिन में फतह हासिल कर ली और 4 टेस्ट मुकाबलों के शुरूआती 3 टेस्ट जीतकर कर लिया बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी पर कब्ज़ा।मोहाली में अगर टीम इंडिया ने 4 दिन में जीत का चमत्कार किया तो इसकी सबसे बड़ी वजह है शिखर धवन की ताबडतोड बल्लेबाज़ी जिसने तय कर दिया कि पहली पारी में चार सौ रन बनाने के बावजूद कंगारु ड्रा के बारे में न सोच सकें। मोहाली में जीत की राह में हर अडचन खड़ी थी। बारिश की वजह से पांच दिन का मैच 4 दिन में तब्दील हो गया। पहली पारी में कंगारुओं ने 4 सौ के पार का स्कोर खड़ा कर दिया। चुनौती महज ढाई दिन में विजय तक पहुंचने की थी लेकिन शिखर ने अपने पहली ही टेस्ट में हर इस मुश्किल को धवस्त कर टीम को जीत की शिखर तक पहुंचा दिया।डेब्यूटांट शिखर धवन ने अपने टेस्ट करियर का ऐसा आतिशी आगाज़ किया कि न सिर्फ टीम इंडिया को नामुमकिन सी दिख रही जीत नसीब हुई बल्कि बल्ले से कामयाबी की ऐसी कहानी लिखी जो दर्ज हो चुकी है क्रिकेट के सुनहरे इतिहास में। मोहाली में टीम इंडिया ने जीत की हैट्रिक पूरी की है तो उसकी इकलौती और सबसे बड़ी वजह मैन ऑफ द मैच शिखर धवन ही रहे हैं वो भी सिर्फ एक पारी में बल्लेबाज़ी करके।जड्डू बने जीत के जादूगर:मोहाली टेस्ट के पहले पांडव शिखर धवन जीत के सूत्रधार रहे तो दूसरे पांडव ने कंगारूओं को अपने चक्रव्यूह में ऐसा फंसाया की कंगारू चारों खाने चित्त हो गए। धोनी के चहेते और सिफारशी का टैग लिए जडेजा को कंगारूओं के खिलाफ सीरीज़ में मौका मिला लेकिन तीन टेस्ट में कंगारूओं को अपनी फिरकी पर नचाकर जडेजा ने सभी आलोचकों की ज़बान पर ताला लगा दिया। बतौर ऑलराउंडर खेलने वाले जडेजा ने ऐसी गेंदबाज़ी की कि कोई स्पेशलिस्ट गेंदबाज़ भी जडेजा के सामने बौना साबित हो जाए। मोहाली टेस्ट के 5वें दिन भी जडेजा ने कंगारूओं की पारी जल्दी समेटने में सबसे अहम किरदार निभाया। सीरीज़ में क्लार्क का काल रहे जडेजा ने एक बार फिर कंगारू कप्तान को पवेलियन की राह दिखा दी।  इसके बाद जडेजा ने हेनरीकेस को कॉट एंड बोल्ड किया और फिर जब डूहार्टी और स्टार्क की जोड़ी ने तकरीबन 20 ओवर तक आखिरी विकेट के लिए तरसाया। तब भी जडेजा ने स्टार्क का विकेट चटकाकर जीत की उम्मीदें जिंदा रखी। जडेजा ने दूसरी पारी में महज 35 रन देकर 5 विकेट हासिल किए जबकि पूरे टेस्ट में जड्डू ने 112 रन देकर 6 शिकार किए।मोहाली में इस महाजीत के हीरो रहे शिखर धवन लेकिन धवन के अलावा और भी हैं कई शूरवीर जिनकी बदौलत टीम इंडिया रही सीरीज सील करने में कामयाब।विजय ने बजाई ‘मुरली’तमिलनाडु के इस ओपनर की जितनी तारीफ की जाए कम है। मुरली ने मोहाली में ऐसा मैजिक दिखाया जिससे पार नहीं पा सकी कंगारू टीम। मुरली ने पहली पारी में खेली 19 चौके और तीन छक्कों की बदौलत 153 रन की क्लासिक पारी। इतना ही नहीं इस जाबांज ने शिखर के साथ मिलकर पहले विकेट के लिए 289 रन की रिकॉर्ड पार्टनरशिप भी की और इसी साझेदारी की वजह से टीम इंडिया ने मोहाली में मारा मैदान। दूसरी पारी में भी टीम को जरुरी तेज तर्रार शुरूआत भी मुरली विजय ने ही दी। विजय ने 5 चौकों से सजी यहां 26 रन की छोटी लेकिन बेहद अहम पारी खेली।कोहली का ‘विराट’ वारटीम इंडिया को पहली पारी में धांसू शुरुआत तो मिली लेकिन इसके बाद शुरु हो गया विकेटों का पतझड़। इस पतझड़ के बीच विराट ने नहीं छोड़ा संयम का साथ और दूसरे छोर से साथ ना मिलने की वजह से वो रहे नॉट आउट। कोहली ने सात चौके और एक छ्क्के की वजह से बनाए 67 रन। विराट की इसी पारी की वजह से टीम इंडिया ने पहली पारी में बनाए 499 रन और हासिल की 91 रन की बेहद अहम बढ़त। वहीं दूसरी पारी में भी विराट के बल्ले से निकले कीमती 34 रन।भुवनेश्वर की घातक गेंदबाजीरफ्तार के सौदागर भुवनेश्वर कुमार ने रखा मोहाली में टीम इंडिया की जीत का आधार। खेल के चौथे दिन 3 विकेट झटकर भुवी ने तय कर दिया कि टीम इंडिया को पांचवे दिन जीत के लिए ज्यदा पसीना ना बहाना पड़े। भुवी ने टेस्ट के चौथे दिन कंगारुओं को दूसरी पारी में दिए तीन ताबड़तोड़ शुरुआती झटके और आखिर तक कंगारू टीम नहीं उभर सकी। भुवी की इस माइंगब्लोइंग बॉलिंग से।