सुप्रीम कोर्ट ने श्रीनिवासन को बड़ी राहत तो दे दी है लेकिन उसने बीसीसीआई को जांच समिति का खर्चा उठाने को कहा है।
देश की शीर्ष अदालत ने श्रीनिवासन को बीसीसीआई अध्यक्ष पद के तौर पर कार्य करने की अनुमति तो प्रदान कर दी लेकिन उसने बोर्ड को नई जांच समिति के दौरान आने वाले खर्चे को वहन करने का निर्देश दे दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मुकुल मुदगल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। बोर्ड ने जांच समिति को भुगतान करने का आदेश स्वीकार कर लिया।
आईपीएल 6 में हुई स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच करने वाली समिति के हर सदस्य को प्रत्येक वर्किंग डेज पर एक-एक लाख रुपए मिलने हैं। कोर्ट ने इस समिति को चार महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
यह समिति श्रीनिवासन के दामाद व राजस्थान रॉयल्स के मालिक के खिलाफ बैटिंग और स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों की जांच करेगी।
चार महीने बाद हुई वापसी
श्रीनिवासन को उनके दामाद गुरुनाथ मयप्पा को स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था।
हालांकि उन्हें दोबारा से अध्यक्ष पद पर चुने जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने कार्यभार संभालने से रोक दिया था। लेकिन मंगलवार को बोर्ड के अध्यक्ष के पद पर कार्य करने की मंजूरी दे दी। श्रीनिवासन फिक्सिंग के विवाद में आने के चार माह बाद बोर्ड का अध्यक्ष पद संभालने का मौका मिला है।