भारत अगर 5 लाख करोड़ डॉलर के क्लब में पहुंचना चाहता है, तो जीडीपी ग्रोथ को दहाई का आंकड़ा पार करना होगा. शुक्रवार को नई दिल्ली में वाणिज्य मंत्रालय के नये कार्यालय का शिलान्यास करते हुए उन्होंने यहां भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर बात की. इस मौके पर उन्होंने कहा, ”वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की भागीदारी को दोगुनी करना होगा. इसे वैश्विक अर्थव्यवस्था के 3.4 फीसदी के स्तर पर पहुंचाना होगा.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.7 फीसदी रही. लेकिन अब वक्त आ गया है कि जब भारत 7-8 फीसदी ग्रोथ रेट से आगे देखे और दहाई के आंकड़े में जीडीपी ग्रोथ हो. उन्होंने कहा कि दुनिया की नजर हम पर है. वे इंतजार कर रहे हैं कि कब भारत 5 लाख करोड़ डॉलर वाली इकोनॉमी के क्लब में शामिल होगा.
उन्होंने बताया कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की भागीदारी को दोगुना करने की कोशिश में जुटा हुआ है. इसके लिए वह आयात को कम करने पर फोकस कर रहा है. खासकर तेल का आयात. इसके लिए स्वदेश में ही उत्पादन करने पर फोकस किया जाएगा.
इस दौरान पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां भी गिनाईं. उन्होंने कहा कि भारत अब ‘अटकाना, लटकाना और भटकाना’ के कल्चर से बाहर निकल चुका है.
प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी को लेकर कहा कि इसने न सिर्फ अलग-अलग टैक्स की जगह ली है, बल्कि इसने देश में व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने का भी काम किया है. जीएसटी के चलते टैक्स बेस में भी बढ़ोतरी हुई है.
उन्होंने बताया कि 54 लाख नये टैक्सपेयर्स जीएसटी के तहत खुद को रजिस्टर करने की कोशिश में जुटे हुए हैं. इसके चलते अप्रत्यक्ष कर दाताओं की संख्या 1 करोड़ से ज्यादा पहुंच गई है. उन्होंने दावा किया कि देश में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश और विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर बना हुआ है.