महू रोड सालाखेड़ी फोरलेन निर्माण के दौरान राजनीतिक दबाव के कारण जिला प्रशासन ने स्पष्ट चेतावनी के बावजूद सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने की मुहिम शुरू नहीं की। सरकारी रिकॉर्ड में यह सड़क फव्वाराचौक से सालाखेड़ी तक 104 फीट है, इस हिस्से में अतिक्रमण चिह्नित भी कर लिए गए और नियमों के तहत अंतिम नोटिस भी जारी किया जा चुका है। 4 मार्च की शाम 4 बजे तक अवधि अतिक्रमणकारियों के लिए तय की थी, 5 मार्च से प्रशासन को मुहिम चालू करना थी लेकिन 5 मार्च के बाद भी सड़क को अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया जा सका। शहर में बने विरोध के राजनीतिक वातावरण के कारण यह स्थिति बनी है। 104 फीट तक चिह्नित जमीन पूरी तरह सरकारी है। बावजूद इसे मुक्त नहीं कराया जा सका।
व्यापारियों का भी कहना है कि अतिक्रमण के कारण बाजार संकरे हो रहे हैं। जिससे कारोबार प्रभािवत हो रहा है। दि क्लाथ मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश पटवा रतलाम ने बताया कारोबार 50 फीसदी रह गया। लोग अब इंदौर, सूरत जैसे शहरों की ओर रुख करने लगे हैं।
कलेक्टर ने व्यस्त बाजारों में गलत पार्किंग के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे। यातायात व निगम अमले ने कार्रवाई भी की, घास बाजार में कार्रवाई के दौरान पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी ने फोन कर कार्रवाई रुकवा दी। नतीजा घास बाजार क्षेत्र में स्थिति ऐसी है कि चारपहिया वाहन से यहां से आसानी से नहीं गुजरा जा सकता है।
डाट की पुल क्षेत्र में यातायात पुलिस ने ठेला चालकों और सब्जी विक्रेताओं को हटा दिया। पुलिस की प्लानिंग थी कि यहां वाहनों की पार्किंग बनाई जाए। राजनीतिक दबाव आया और मुहिम धरी रह गई। दो बत्ती से डाट की पुल के बीच हालात पहले जैसे हो गए। यहां से दो पहिया वाहन भी आसानी से नहीं गुजर सकते।
4. रोटरी उद्यान कार्रवाई थम गई
स्टेशन रोड थाने के सामने रोटरी उद्यान के बाहर गन्ने की चकरियां और अन्य फेरी वालों का स्थायी कब्जा हो गया है। इस स्थान को जब भी नगर निगम अमले द्वारा अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्रवाई की गई तो वहां एमआईसी सदस्य रेखा जौहरी और उनके पति रवि जौहरी ने विरोध किया। इसके बाद कार्रवाई थम गई।
जहां पार्किंग वहीं खरीदी
रानीजी का मंदिर के आसपास क्षेत्र में जिन दुकानों के बाहर पार्किंग है अधिकांश ग्राहक वहीं से खरीदी करते हैं। किराना बाजार में ज्यादातर ग्राहकी आसपास के गांवों की है, वे लाेग पार्किंग की जगह वाहन छोड़कर अाना पसंद नहीं करते। बाजार में जगह की कमी का नुकसान दुकानदारों को उठाना पड़ रहा है। –संजय पारेख, थाेक किराना व्यापारी एसो, सचिव
लापरवाही से नुकसान
व्यस्त बाजारों में कई ऐसे मार्केट बन गए , जहां पार्किंग की जगह नहीं है। मार्केट बनाने वालों ने पार्किंग के बेसमेंट में दुकानें बनाकर बेच डालीं। अब लोगों सड़कों पर वाहन रखना पड़ते हैं। निगम की अनदेखी से बाजार संकरे हो रहे हैं और यही हाल रहे तो प्रमुख बाजारों में आने वाले समय में ग्राहकों का ही टोटा हो जाएगा। मनोज झालानी, संयुक्त व्यापारी संघ अध्यक्ष
सुविधा नहीं तो पिछड़ेंगे
उपभोक्ता को अब सुविधाएं चाहिए। महिला ग्राहकों को सुविधाघर तक उपलब्ध नहीं करवा पाए। ग्राहक तत्काल वहां डायवर्ट हो जाता है जहां सुविधाएं होती हैं। परंपरागत बाजारों में पार्किंग, साफ पानी जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं करवा सके तो बाजार को समाप्त करने के दोषी होंगे।- संदीप व्यास, संभागीय उद्योग संघ अध्यक्ष
थोड़ा तो सोचें
कम सक्षम लोग सड़क किनारे बैठकर ही काम करेंगे। विकास के चक्कर में स्कूटर मैकेनिक को 4 किमी दूर भेजेंगे तो कौन ग्राहक जाएगा। –हिम्मत कोठारी, पूर्व मंत्री
विरोध नहीं किया
कार्रवाई का विरोध नहीं किया। चौपाटी के लोगों का समर्थन जरूर किया था, उन्हें भी यहां से जल्द लोकेंद्र भवन के सामने प्रस्तावित फूड जोन में स्थानांतरित किया जाएगा। –रेखा रवि जौहरी
सुझाव दिया था
फेरी वालों के लिए मैंने तो केवल सुझाव दिया था। तीन जगह बताई थी, इसमें से कौन सी जगह आवंटित करना है। यह तो निगम आयुक्त ही तय करेंगे। –यास्मीन शेरानी, नेताप्रतिपक्ष
स्थायी व्यवस्था हो
पार्किंग बनाने से मना किसने किया। बाजार का गौरव कायम रखने के लिए जरूरी भी है। मैं खुद समर्थन करता हूं लेकिन व्यवस्था स्थायी करो।- हिम्मत कोठारी, पूर्व मंत्री