रतलाम। शहर में इन दिनों आंध्रा-कर्नाटक के फलों की बहार आई हुई है, तो बुरहानपुर के तरबूज लोगों के गले तर कर ठंडक पहुंचा रहे हैं। चिलचिलाती धूप और गर्मी के मौसम में शीतलपेय या ठंडा फल मिलना आनंद की अनुभूति कराता है। जिसकी शुरुआत हो चुकी है और लोगों इसका लुत्फ भी उठाना शुरू कर दिया है। हर दिन जिले में करीब 6 टन आम और दो दिन में 2 ट्रक करीब तरबूज की खपत हो रही है।

गर्मी का मौसम हो और शीतलपेय या मौसमी फल न ललचाए ऐसा हो नहीं सकता। 40 डिग्री तापमान के साथ गर्मी अपना एहसास करा रही है तो स्वादिष्ट शीतल फल भी शकुन पहुंचा रहे हैं। भरी गर्मी में गले को ठंडक पहुंचाने वाले इन फलों की मांग भी धीरे-धीरे बढ़ रही है तो शहर के राम मंदिर, चांदनीचौक, गीता मंदिर रोड, घास बाजार, सैलाना बस स्टैंड, डाट की पुलिया क्षेत्र भी इनकी खुशबू से महक रहे हैं।

6 टन प्रतिदिन खपत

– चांदनीचौक के आम विक्रेता बाबू बाथम ने बताया कि इन दिनों शहर में आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, विजयवाड़ा से तीन किस्म के आम पहुंच रहे हैं। इसमें बादाम जो 100 रुपए किलो है, वहीं लालपटा-70-80 एवं हाफूज 150-200 रुपए किलो के भाव में है। व्यापारियों की माने तो अभी शुरुआत हुई है। शुरुआत दिनों में करीब 6 टन आम प्रतिदिन जिले में उठाव है।

दो दिन में 2-3 ट्रक तरबूज

– हरमाला रोड के फल व्यापारी इकबाल भाई ने बताया कि दो दिन में 2-3 ट्रक तरबूज की खपत हो रही है, जो बुरहानपुर से लाए जा रहे हैंं। शक्कर बट्टी (खरबूजा) की खपत अभी कम है यह 10 टन करीब चार-पांच दिन में खपत हो रही है। संतरा और अंगूर अब कम हो चले हैं।

ज्यूस का गन्ना महाराष्ट्र का

जिले में गन्ने वैसे तो जावरा आदि क्षेत्रों से आता है, लेकिन इन दिनों अधिकांश ज्यूस सेंटरों पर महाराष्ट्र का गन्ना पहुंच रहा है। व्यापारियों की माने तो गन्ना 600-700 रुपए प्रति क्विंटल के भाव मिल रहा है। शहर में करीब 150 से अधिक स्थानों पर गन्ने के रस की दुकान लग चुकी है और गर्मी के साथ बड़ भी सकती है।

 

By parshv