मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने धर्मपत्नी श्रीमती साधनासिंह के साथ मंगलनाथ जोन स्थित पद्मविभूषण स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी महाराज के आश्रम में पहुँचकर उनका आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने स्वामी जी को शाल-श्रीफल भेंट किया। स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी महाराज ने कहा कि उज्जैन स्थित महर्षि पाणिनी संस्कृत विश्वविद्यालय को समृद्ध करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संस्कृति का पुनर्मूल्यांकन करें। इस संबंध में वे पूरा सहयोग करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वामी जी के सुझावों पर अमल किया जाएगा। स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी ने मेला क्षेत्र में की गई उत्तम व्यवस्थाओं के लिए मुख्यमंत्री की सराहना की। उन्होंने मुख्यमंत्री को श्री रामचरित मानस और हनुमान चालीसा की व्याख्या भेंट की। स्वामी जी ने उपनिषद, गीता और ब्रह्मसूत्र पर भाष्य लिखा हैं। उन्होंने पाणिनी पर भी ग्रन्थ लिखे हैं। इस दौरान डॉ. कुमारी गीता देवी मिश्रा भी उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री ने देखे दिव्यांगों द्वारा बनाए चित्र
मुख्यमंत्री ने दिव्यांगों द्वारा बनाये गये चित्रों की प्रदर्शनी देखी। प्रदर्शनी जगदगुरू रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय चित्रकूट के विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई है।
मुख्यमंत्री ने माधवसेवा न्यास और भारत माता मंदिर पहुँचकर श्री भैया जी जोशी से भी भेंट की।