रतलाम. महू रोड स्थित बस स्टैंड पर कलेक्टर के आदेश के बावजूद व्यवस्था सुचारु नहीं हो सकी। सोमवार को कलेक्टर ने टीएल बैठक से ही आरटीओ विवेक दाते को बस स्टैंड की जांच के लिए भेजा और तत्काल रिपोर्ट मांगी लेकिन मंगलवार को भी कलेक्टर को कार्रवाई की रिपोर्ट नहीं मिल सकी। 3 करोड़ रुपए से तैयार नया बस स्टैंड एजेंटों के कब्जे में चला गया। न आरटीओ ने यहां कोई कार्रवाई की न नगर निगम का कोई अधिकारी जांच करने पहुंचा।
20 अप्रैल को महापौर डॉ. सुनीता यार्दे ने बस स्टैंड की विधिवत शुरुआत की थी। लगभग एक माह बीत जाने के बाद भी नए बस स्टैंड पर व्यवस्थाएं सुचारु नहीं हो सकीं। इस बीच महापौर, कलेक्टर बी. चंद्रशेखर, नगर निगम आयुक्त साेमनाथ झारिया और आरटीओ विवेक दाते निरीक्षण कर चुके हैं। बस स्टैंड पर बसों के आवागमन और तय स्थान पर नहीं खड़े हाेने की शिकायतों के बाद कलेक्टर ने आरटीओ को टीएल बैठक से ही बस स्टैंड पर निरीक्षण करने भेजा था। इससे पहले कलेक्टर इसी मामले में आरटीओ को शोकॉज नोटिस जारी कर चुके हैं। इस पूरी कवायद का कोई असर नहीं हुआ, मंगलवार को यहां हालात पहले जैसे ही थे। सिंहस्थ मद से बने बस स्टैंड पर उज्जैन के लिए कोई बस नहीं थी। उज्जैन के लिए बसें सुभाष कॉम्प्लेक्स के नजदीक पार्क की जा रही थीं।

 

स्टैंड पर यह है स्थिति

महज एक वाटर कूलर है, पानी की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने से बार-बार बंद हो जाता है। आयुक्त ने दिन में 2 बार फाइटर से पानी भरने के आदेश दे रखे हैं।

बस स्टैंड पर नगर निगम कर्मचारियों के बजाय व्यवस्था बस एजेंटों के हाथ में है। एजेंटों ही तय करते हैं कि कौन सी बस कितनी देर और कहां खड़ी होगी।

उज्जैन के लिए चलने वाली बसों की पार्किंग पुराने स्थल सुभाष कॉम्प्लेक्स के पास की जा रही है। दूसरे शहरों से आकर उज्जैन जाने वाले यात्रियों को पैदल चलकर सुभाष कॉम्प्लेक्स तक पहुंचना पड़ता है।

बस स्टैंड पर शौचालय के लिए 5 रुपए वसूले जा रहे हैं, वसूली न तो नगर निगम का कोई कर्मचारी कर रहा है और न ही इसका ठेका दिया गया है।

By parshv