रजिस्ट्री में नाम, पता, मोहल्ले का नाम या अन्य गलती होने पर रजिस्ट्री तो नहीं होती लेकिन रजिस्ट्रार विभाग स्टाम्प शुल्क की 10 फीसदी राशि काटकर शेष राशि क्रेता को वापस कर देता है। ताकि वो दोबारा से रजिस्ट्री करा ले लेकिन विभाग में 10 महीनों से राशि रिफंड नहीं की जा रही है। इससे लोगों के लाखों रुपए अभी भी अटक गए हैं।

प्लॉट, मकान, जमीन की रजिस्ट्री के लिए क्रेता और विक्रेताओं को सर्विस प्रोवाइडरों के पास जाना पड़ता है। सविर्स प्रोवाइडर सारी प्रक्रिया करने के बाद डॉक्युमेंट रजिस्ट्रार विभाग में ऑनलाइन भेजता है। यहां सब रजिस्ट्रार सारे डॉक्युमेंट की जांच करता है। डॉक्युमेंट में त्रुटि निकलने पर वो रजिस्ट्री रोक देता है। रजिस्ट्री नहीं होने की स्थिति में 90 फीसदी राशि क्रेता को वापस की जाती है। यह एक महीने में रिफंड होना चाहिए। कई रजिस्ट्रियों को निरस्त हुए 10 महीने हो गए लेकिन आज तक रिफंड नहीं मिला है। विभाग में 40 से ज्यादा रजिस्ट्रियों का रिफंड नहीं हो पाया है। इससे लोगों के 25 लाख रुपए से ज्यादा अटक गए हैं।

क्रेता या विक्रेता का नाम, पिता या पति के नाम त्रुटि होने पर।

स्टाम्प कोड गलत होने पर।

मोहल्ले का नाम गलत होने पर।

फाइनल फॉर्म गलत होने पर।

इनके लिए मिलता है रिफंड

भोपाल जानकारी दे रखी है, वहीं से होगा रिफंड

जिला पंजीयक दीपक राज गौड़ ने बताया रिफंड के जो भी मामले हैं उसकी जानकारी भोपाल दे रखी है। जो भी होना है वहीं से होना है। रिफंड भी वहीं से जारी होना है।

यह रहती है प्रक्रिया

रजिस्ट्री में गलती निकलने पर सब रजिस्ट्रार जांच में रोक देते हंै। ग्राहकों ने जो स्टाम्प डयूटी चुकाई है। उसमें से विभाग 90 फीसदी राशि रिफंड करता है। इसके लिए एफीडेविट देना पड़ता है। एफिडेविट के साथ स्टाम्प के चालान, रजिस्ट्री की प्रिंट, बैंक पास बुक की फोटोकॉपी देना पड़ती है। आवेदन के एक महीने में राशि रिफंड का नियम है।

63 हजार रुपए अटके, 6 महीने में भी नहीं मिल पाया रिफंड

रमेश सोलंकी ने मिड टाउन में प्लॉट खरीदा। 7 लाख रुपए के प्लॉट की 63 हजार रुपए स्टाम्प ड्यूटी बनी। स्टाम्प की राशि में गलती के कारण सब रजिस्ट्रार ने रजिस्ट्री रोक दी। रजिस्ट्री तो नहीं हुई। लेकिन अब तक रिफंड की राशि भी अकाउंट में नहीं आई है। एक महीने में राशि आ जाना चाहिए थी।

फॉर्म गलत अपलोड हो गया, 10 महीने बाद भी नहीं मिला रिफंड

स्मिता छागला ने मिड टाउन कॉलोनी में प्लॉट खरीदा। अगस्त में रजिस्ट्री कराई। 45,102 रुपए स्टाम्प शुल्क चुकाया। फाइनल फॉर्म गलत अपलोड होने से सब रजिस्ट्रार ने रजिस्ट्री नहीं की। इस पर 4,512 रुपए काटकर शेष राशि रिफंड होना थी। 10 महीने हो गए, अब तक राशि रिफंड नहीं हो पाई है।

स्टाम्प की राशि भी अटकी

स्टाम्प सर्विस प्रोवाइडरों द्वारा ऑनलाइन जनरेट किए जाते हैं। स्टाम्प जनरेट करने के बाद जितनी राशि के स्टाम्प होते हैं उतनी राशि सर्विस प्रोवाइडरों के अकाउंट से कटती है। सर्विस प्रोवाइडरों के अकाउंट से तो राशि कट गई लेकिन स्टाम्प की प्रिंट नहीं निकली। सर्विस प्रोवाइडरों के स्टाम्प के पांच लाख रुपए से ज्यादा अटके हैं।

By parshv