रतलाम। मध्यप्रदेश में एक नया मंत्रालय बनेगा। नया मंत्रालय संस्कार व नैतिकता की शिक्षा देगा। यह बात मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने रविवार को फोन पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही। सीएम को रतलाम में प्लेन से आए, लेकिन बारिश की वजह से प्लेन उतर नहीं सका। इसके बाद सीएम ने फोन पर ही धर्मसभा को संबोधित किया। अवसर था राष्ट्रसंत जयंतसेन सूरीश्वर के चातुर्मास प्रवेश का। के चातुर्मास प्रवेश का।

मुख्यमंत्री ने कहा की जो दूसरों को जीते वह वीर कहलाता है, जो स्वयं को जीते वह महावीर कहलाता है। देश व दुनिया में जिस तरह से हिंसा का बोलबाला हो रहा है, तब सभी को जैन बनने की जरूरत है। सीएम ने फोन पर ही आचार्य से कहा की प्रदेश को आंनद की जरूरत है। जब तक जिंदगी में आनंद नहीं होगा, तब तक चाहे कितने रुपए कमा ले, सुख नहीं होता। मन से जीवन के अंतिम लक्ष्य तक पहुंचे इसकी जरूरत है।

मार्गदर्शन की जरूरत

सीएम ने कहा की वे मुख्यमंत्री के रुप में नहीं, बल्कि कार्यकर्ता के रुप में काम कर रहे है। इसलिए उनको गुरुवर से मार्गदर्शन की जरूरत है। बारिश ने एक बार रोक दिश्या, लेकिन हर बार नहीं रोक पाएगी। वे गुरु के पास भक्त बनकर जल्द आएंगे।

मंत्रालय के बारे में बताया

इसके साथ ही सीएम ने उपस्थित करीब हजारों गुरुभक्तों को कहा की प्रदेश में नदियांे को पुर्नजीवीत करने पर काम किया जा रहा है। इसके अलावा एक नया मंत्रालय बनाया जा रहा है। नया मंत्रालय संस्कार व नैतिकता की शिक्षा देगा। इस नए मंत्रालय में क्या बेहतर किया जा सके , इसके लिए आचार्य से मार्गदर्शन की जरूरत रहेगी।

पहली बार रतलाम चातुर्मास के लिए आए

आचार्य के रुप में पहली बार रतलाम चातुर्मास के लिए आए आचार्य पहले करीब 39 वर्ष पूर्व आए थे। उस समय चातुर्मास किया था। अब तक आचार्य ने 235 जिनमंदिरों की स्थाापना की है। इसके अलावा 250 गुरु मंदिरों का निर्माण भी आचार्य की पे्ररणा से शुरू हुआ है। देश के 14 राज्यों से डेढ़ लाख किमी पदविहार कर रतलाम आए आचार्य ने 176 भव्यआत्माओं को दीक्षा दी है।
इन्होने भी दिया संबोधन

आयोजन स्थल पर केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत, राज्य के उर्जामंत्री पारस जैन, मंदसौर संासद सुधीर गुप्ता, रतलाम सांसद कांतिलाल भूरिया, धार सांसद सावित्री ठाकुर, विधायक चैतन्य काश्यप आदि ने भी संबोधन दिया।

By parshv