इंदौर के जिला अस्पताल को तो प्रदेश का सबसे अच्छा अस्पताल होना चाहिए। यहां हालत बहुत बुरी है। अाप कैसे काम करते हैं। इसे 300 नहीं 500 बेड का होना चाहिए। आप नए नक्शे के साथ फोटो भी भेजिए। तत्काल मंजूर कर देंगे। एक मंजिल बनाने से कुछ नहीं होगा। तीन मंजिला अस्पताल बनाओ।
मंगलवार को स्वास्थ्य आयुक्त दीपाली रस्तोगी ने जिला अस्पताल की हालत देखकर डॉक्टर और अधिकारियों से यह बात कही। दरअसल, रतलाम जिला अस्पताल की इमारत का एक हिस्सा गिरने के बाद दूसरे जिलों के सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण किया जा रहा है। इसी क्रम में रस्तोगी ने शहर सहित जिले के अस्पतालों का मुआयना किया। साथ में विभाग के संचालक पंकज जैन, जेडी डॉ. शरद पंडित, सीएमएचओ डॉ. एस. पोरवाल और अन्य डॉक्टर थे। जिला अस्पताल में उन्होंने प्रस्तावित नई इमारत का नक्शा देखा। उसे तत्काल ओके कहते हुए कहा कि यहां 500 बेड की बिल्डिंग की जरूरत है। आप इसके प्रस्ताव के साथ फोटो भेजिए। हम तत्काल मंजूरी देंगें। उन्होंने पूछा कि एमवायएच कितना मंजिल बना है। जवाब मिलने के बाद उन्होंने कहा कि भविष्य का सोचते हुए तीन मंजिला बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी एक मंजिल बनाकर छोड़ दिया और चार साल बाद दूसरी मंजिल बनाएंगे तो पहली वाली खंडहर हो जाएगी।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि यह दुग्ध संघ की बिल्डिंग है। इस दौरान कई मरीजों ने अपनी तकलीफ बताई। अधिकारी आश्वासन देकर आगे बढ़ गए। आयुक्त ने जिला अस्पताल के बाद बाणगंगा में प्रस्तावित 30 बेड के अस्पताल की जगह, मल्हारगंज पॉलीक्लिनिक, हुकमचंद पॉलीक्लिनिक, नंदा नगर प्रसूति गृह का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने कलेक्टर से मुलाकात की।
मरीजों की तकलीफ सुनी, अाश्वासन देकर बढ़ गए
बमुश्किल 10 से 15 मिनट में उन्होंने अस्पताल का मुआयना कर लिया। अस्पताल का निरीक्षण करते हुए जब वे महिला वार्ड में पहुंचे तो छत की तरफ बताते हुए अधिकारी बोले कि बारिश का पानी छत से नाली में जाने की बजाय सीधे वार्ड में आ जाता है। परेशानी होती है। कुछ इसी तरह की समस्या बच्चा वार्ड और प्रसूति वार्ड में भी बताई गई।
… इधर एमवायएच में लीकेज के कारण ओटी नंबर दो अब भी बंद
एमवाय अस्पताल में पानी के लीकेज के कारण बंद किया गया ओटी नंबर-2 मंगलवार को भी नहीं खुला। पीडब्ल्यूडी के अधिकारी लीकेज ढूंढते रहे। वहीं, हड्डी रोग विभाग के डॉक्टरों ने दूसरा ओटी आवंटित करवाने की जद्दोजहद की। इसी के मद्देनजर ओटी कमेटी की बैठक हुई। इसमें फैसला किया गया कि इमरजेंसी और ट्रामा सेंटर में बने दो ओटी में से एक ओटी नियमित ऑपरेशन के लिए दिया जाएगा। एक ओटी सर्जरी और दूसरा हड्डी रोग विभाग को दिया गया था। दोनों में इमरजेंसी ऑपरेशन होते हैं। अस्पताल प्रशासन के अनुसार बुधवार से मरीजों के रूटीन ऑपरेशन यहां के एक ओटी में होंगे।