लोकसंत विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी के सान्निध्य में मंगलवार को जयंतसेन धाम से कस्तूरबा नगर स्थित श्री नमिनाथ जैन मंदिर तक चैत्य परिपाटी निकाली गई। परमात्मा के दर्शन-वंदन के बाद हुई धर्मसभा में लोकसंत ने कहा कि जीवन को सफल करने के लिए परमात्मा ने धर्म का मार्ग बताया है। धर्म को धारण करने वाला हर समय शुभ भाव में रहता है। धर्म स्वयं के लिए ही नहीं बल्कि सभी के लिए उपयोगी बनना चाहिए।
चैत्य परिपाटी में लोकसंत के साथ मुनिमंडल व साध्वीवृंद भी शामिल हुए। मार्ग में कई स्थानों पर गुरुभक्तों ने गहुली कर आशीर्वाद प्राप्त किया। गाजे-बाजे के साथ निकली चैत्य परिपाटी जब कस्तूरबा नगर स्थित श्री नमिनाथ जैन मंदिर पहुंची तो क्षेत्रवासियों ने उत्साह व उल्लास के साथ स्वागत किया। लोकसंत ने आशीर्वचन में दान-धर्म की महत्ता बताई और कहा कि भूतकाल में अनेक पुण्यात्माओं ने अपने गुरु के मार्गदर्शन में दान की नदियां बहाई हैं। वर्तमान में भी ऐसे ही प्रसंग दिख रहे हैं। धर्म कभी निष्फल नहीं जाता, इसलिए जीवन में हर समय धर्म का भाव रखना चाहिए ।
मुनिराज निपुणर| विजयजी ने कहा कि धर्म का कभी विस्मरण नहीं करना चाहिए। जीवन में व्यक्ति कितना भी आगे बढ़े, लेकिन जिस धर्म के कारण वह आगे बढ़ता है उसे भूलना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्म से विमुख होने वाला कभी सुखी नहीं रहता, इसलिए पुण्यार्जन का कोई अवसर नहीं छोडऩा चाहिए। धर्मसभा में श्री नमिनाथ जैन मंदिर ट्रस्ट ने रतलाम में लोकसंत का चातुर्मास आयोजित करने पर राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष व विधायक चेतन्य काश्यप परिवार का अभिनंदन किया गया। मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष बाबूलाल सियार, सचिव लोकेश ओस्तवाल, तेजमल कांसवा, राजेंद्र कोठारी आदि ने शॉल, श्रीफल से सिद्धार्थ काश्यप का बहुमान किया। महिला मंडल अध्यक्ष माणकबेन रांका व सरोज कांसवा ने तेजकुंवरबाई काश्यप का सम्मान किया।
समय सब सिखा देता है
चैत्य परिपाटी के बाद जयंतसेन धाम में प्रवचन देते हुए मुनिराज निपुणर| विजयजी ने कहा समय के साथ संयम को अपनाना आवश्यक है। संयमित जीवनशैली के लिए धर्म का अनुगमन करना पड़ता है। यदि समय पर संयम नहीं सीखा तो समय सबकुछ सीखा देता है। मुनिराज अपूर्वर| विजयजी ने कहा कि जीवन की गाड़ी में शुभ भाव का पेट्रोल भरा होना चाहिए। मुनिराज जिनागमर| विजयजी ने कहा कि कर्म के सत्य को स्वीकारना सीखो। अंत में दादा गुरुदेव की आरती का लाभ प्रेमलता नरेंद्र कुमार छाजेड़ ने लिया।