मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बेटियों की गरिमा को धूमिल करने वालों को फाँसी की सजा होना चाहिये। इसके लिये आवश्यकता होने पर संविधान में भी संशोधन होना चाहिये। उन्होंने नशे को विनाश का कारण बताते हुए कहा कि समाज और सरकार द्वारा मिलकर सधन नशामुक्ति अभियान चलाया जायेगा। नर्मदा के तटों पर शराब की दुकानें बंद कर दी जायेगी। मुख्यमंत्री आज होशंगाबाद में नर्मदा सेवा यात्रा में जन-संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। सेठानी घाट पर सभी धर्मों के धर्मगुरू नर्मदा सेवा यात्रा को आशीर्वाद देने उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा तट पर ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य की गुफा का जीर्णोद्धार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी जीवन देने वाली नदी है। नर्मदा के जल से प्रदेश की 30 प्रतिशत जमीन सिंचित हो रही है। प्रदेश को चार बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिलने का श्रेय किसानों और नर्मदा को है। इसी नर्मदा से गंभीर, पार्वती और कालीसिंध नदियों को नया जीवन देने की योजना बनाई जा रही है। श्री चौहान ने कहा कि नदियों का सूखना गंभीर संकट की निशानी है। नर्मदा अमृत समान जल देती है लेकिन मनुष्य के लालची स्वभाव के कारण अत्यधिक दोहन हुआ है। उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी को जीवन देने वाले पेडों को काट दिया गया, जिससे नर्मदा के जल की धार चिंताजनक रूप से पतली हो गई। उन्होंने कहा कि यह समय नर्मदा मैया से क्षमा माँगने और प्रायश्चित करने का है। नर्मदा के किनारों के शहरों का दूषित मल-जल नर्मदा में बहकर जा रहा है। इसे रोकने के लिये 1500 करोड़ रूपये की सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की योजना क्रियान्वित की जायेगी। रिसाइकल किये गये पानी को खेती में सिंचाई के लिये उपलब्ध करवाया जायेगा। नर्मदा को प्रदूषण से मुक्त रखना प्रत्येक नागरिक का कर्त्तव्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा के किनारे रहने वाले किसानों को फलदार वृक्ष लगाने के लिये सुविधा दी जायेगी। इसके लिये फ्रूट रूट बनाये जायेंगे। श्री चौहान ने लोगों को नर्मदा के तटों को साफ रखने, जैविक खाद का उपयोग करने, पूजन सामग्री से होने वाले नर्मदा जल के प्रदूषण को रोकने, पार्थिव शरीर को नर्मदा जल में बहाने की प्रथा को रोकने का संकल्प दिलवाया। उन्होंने बच्चों को शिक्षा देने का संकल्प दिलवाते हुए कहा कि प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश लेने पर उनकी पढाई का खर्चा सरकार उठायेगी। श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा तट पर नदी और पर्यावरण संरक्षण का सबसे बड़ा आंदोलन चल रहा है। उन्होंने नर्मदा भक्तों और आम लोगों से अपील की कि वे नर्मदा सेवा यात्रा से जुड़कर नर्मदा को सबसे स्वच्छ नदी बनाने में अपना योगदान दें। श्री चौहान ने लोगों को नर्मदा नदी को निर्मल बनाने रखने में योगदान देने का संकल्प दिलाया। श्री चौहान ने 150 परिक्रमावासियों का आभार व्यक्त किया जो नर्मदा सेवा यात्रा के शुभारंभ से यात्रा में साथ हैं।
आध्यात्मिक संत श्री रावतपुरा सरकार ने नर्मदा सेवा यात्रा को कल्याणकारी अनुष्ठान बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री को आशीर्वाद दिया कि वे मानवता की सेवा के कार्य करते रहें।
विधान सभा अध्यक्ष श्री सीतासरण शर्मा ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा के माध्यम से इतिहास अपने को दोहरा रहा है। सदियों पहले भागीरथ जी ने लोक कल्याण के लिये गंगा अवतरण की तपस्या की थी। आज आधुनिक समय में मुख्यमंत्री श्री चौहान जन-कल्याण के लिये नर्मदा मैया के शुद्धिकरण का संकल्प लेकर चल रहे हैं।
आर्च बिशप श्री लियो कार्नेलियो ने कहा कि वे भारतीय नागरिक होने के नाते सभी मान्य सांस्कृतिक परंपराओं का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के इस अनूठे प्रयास से जन-मानस की सोच में परिवर्तन आयेगा। यह कानून से संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे ही प्रयासों से नर्मदा के तट शुद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि नदी संरक्षण और पर्यावरण बचाने के प्रयास मानव-कल्याण के काम है। इनसे जीवन मिलता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को भी पर्यावरण बचाने की शिक्षा देना होगी। उन्होंने बाइबल का उदहरण देते हुए कहा कि नदियों के स्वच्छ जल से स्वास्थ्य मिलता है।
प्रसिद्ध फिल्म निर्माता एवं निर्देशक श्री प्रकाश झा ने कहा कि नर्मदा सदियों से जीवन दे रही है। उन्होंने कहा कि पवित्र नदी नर्मदा का पत्थर भी सभी जगह पूजा जाता है। यदि नर्मदा है तो जीवन है। नर्मदा से स्नेह करें, इसकी रक्षा करें और इसे स्वच्छ रखें। पदमश्री श्री विजयदत्त श्रीधर ने कहा धर्म-सत्ता यदि नदी संरक्षण और पर्यावरण की रक्षा से जुड़ जाए तो परिणाम जल्दी मिलेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का नर्मदा सेवा का संकल्प सफल होगा।
प्रसिद्ध ध्रुपद गायक श्री उमाकांत और श्री रमाकांत गुंदेचा बधुओं और उनके विदेशी शिष्यों ने नर्मदाष्टक का गायन किया। मध्यप्रदेश चेंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष श्री रमेशचन्द्र अग्रवाल ने कहा कि नर्मदा की जितनी सेवा होगी उसका फल और आनंद उतना ज्यादा मिलेगा।
मुख्यमंत्री एवं अतिथियों ने नर्मदा सेवा यात्रा एवं नर्मदा की महिमा पर प्रकाशित स्मारिका का विमोचन किया। उन्होंने होशंगाबाद नगरपालिका को खुले में शौच से मुक्त होने पर बधाई दी। होशंगाबाद में नर्मदा संरक्षण के संकल्प को लेकर बनाई गई मानव श्रंखला को गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रेकार्ड में शामिल होने का प्रमाण-पत्र मुख्यमंत्री ने प्रभारी मंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा को सौंपा। कार्यक्रम की शुरूआत कन्याओं के चरण पूजन के साथ हुई। मुख्यमंत्री एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह चौहान ने बेटियों की चरण वंदन की। नर्मदा मैया की महाआरती के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
इस अवसर पर हजारों की संख्या में होशंगाबाद एवं आस-पास के जिलों से आये श्रद्धालु उपस्थित थे। मध्यप्रदेश गौ-संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद और नर्मदा मिशन के श्री भैयाजी सरकार ने भी नर्मदा यात्रा को आशीर्वाद दिया। ओलंपिक में भारत को मेडल दिलाने वाले पहलवान श्री सुशील कुमार, प्रसिद्ध सिने अभिनेता श्री गोविन्द नामदेव, साहित्यकार श्री रमेश चन्द्र शाह, मध्यप्रदेश राष्ट्रीय एकता समिति के उपाध्यक्ष श्री महेश श्रीवास्तव, करूणाधाम आश्रम के श्री सुदेश शांडिल्य भी नर्मदा सेवा यात्रा के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करने उपस्थित थे।
वन मंत्री डॉ. गौरी शंकर शेजवार, होशंगाबाद के सांसद श्री राव उदय प्रताप सिंह, बैतूल सांसद श्रीमती ज्योति धुर्वे, मध्यप्रदेश खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री शिव चौबे, मध्यप्रदेश भंडार गृह निगम के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह, पूर्व मंत्री श्री सरताज सिंह, विधायक, जिला एवं जनपद पंचायतों के पदाधिकारी उपस्थित थे।
नर्मदा सेवा यात्रा का हुआ अभूतपूर्व स्वागत
नर्मदा सेवा यात्रा के 36वें दिन होशंगाबाद पहुँचने पर जन-मानस की ओर से अभूतपूर्व स्वागत हुआ। मुख्यमंत्री वरिष्ठजन पार्क से सेठानी घाट तक नर्मदा के पवित्र जल का कलश एवं नर्मदा सेवा यात्रा ध्वज धारण कर यात्रा में शामिल हुए। उन्होंने पर्यावरण प्रदूषण निवारण मंडल द्वारा लगाई गई पदर्शनी का शुभारंभ किया और पौध-रोपण किया। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई नर्मदा स्वच्छता प्रदर्शनी का अवलोकन किया। विशाल जनसमूह ने तीन किलोमीटर की पैदल यात्रा में मुख्यमंत्री का अभिवादन किया। पूरा होशंगाबाद शहर ‘हर हर नर्मदे’ के उदघोष से गूँज उठा। समाज के सभी वर्गों ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और फूलों की पंखुड़ियों की वर्षा कर नर्मदा सेवा यात्रियों का स्वागत किया।