प्रेस कॉन्फ्रेंस में पात्रा ने दावा किया कि अभी बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिले थे, जिन्होंने माल्या को टॉप ब्यूरोक्रेट्स से बात करने को कहा। बीजेपी प्रवक्ता के मुताबिक, मनमोहन के निर्देश पर माल्या उनके सलाहकार टी. के. ए. नायर से मिले। इतना ही नहीं तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने माल्या की मदद के लिए संबंधित मंत्रालयों से खुद बात की।
संबित पात्रा ने कहा, ‘4 अक्टूबर 2011 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखी अपनी पहली चिट्ठी में माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस को मदद करने पर खुशी जाहिर की। माल्या ने पत्र में तत्कालीन प्रधानमंत्री को कहा कि उन्होंने किंगफिशर एयरलाइन की मदद की, इस बात की उन्हें बेहद खुशी है।’
पात्रा ने कहा कि किंगफिशर की मदद की पुष्टि 14 नवंबर 2011 को आए मनमोहन सिंह के एक बयान से भी होती है। उस दिन प्रधानमंत्री ने रिपोर्टरों से बात करते हुए कहा था, ‘हमने किंगफिशर को मुश्किल से निकालने का रास्ता निकाल लिया।’
गौरतलब है कि तत्कालीन केंद्रीय मंत्री वायलार रवि ने बेल आउट पैकेज की घोषणा की थी। पात्रा ने कहा कि मनमोहन सिंह ने माल्या की किस हद तक मदद की इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने माल्या का अकाउंट फ्रीज कर दिया तो मनमोहन सिंह के दबाव में उनका अकाउंट अनफ्रीज करना पड़ा।
मनमोहन सिंह की इन्हीं मेहरबानियों पर माल्या ने 22 नवंबर 2011 को एक और चिट्ठी लिखी। दूसरी चिट्ठी में विजय माल्या ने मनमोहन सिंह के प्रति फिर से धन्यवाद ज्ञापित किया। पात्रा ने बताया कि विजय माल्या ने तीसरी चिट्ठी पी. चिदंबरम को 21 मार्च 2013 को लिखी। इस चिट्ठी का सबजेक्ट स्टेट बैंक ऑफ इंडिया था। इस पत्र में माल्या ने चिदंबरम से कहा था, हालांकि, स्टेट बैंक से किंगफिशर एयरलाइन पर कर्ज के बोझ को देखते हुए नाखुश हो सकता है।
लेकिन, एयरलाइन के पिछले शानदार रेकॉर्ड को देखते हुए थोड़ी नरमी बरतनी चाहिए, लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहा है। माल्या ने पत्र के जरिए चिदंबरम से गुहार लगाई कि वह स्टेट बैंक से एनओसी जारी करवाने के लिए मामले में दखल दें।
पात्रा ने बताया कि माल्या ने चिदंबरम को दूसरी चिट्ठी 22 मार्च 2013 को लिखी। माल्या ने कहा कि वित्त मंत्री से मिलने के बाद कुछ साकारात्मक पहल हुई है। उन्होंने कहा कि पीएम को दुत्कारने के बाद एसबीआई बेंगलुरु किंगफिशर एयरलाइन को प्रेफरेंशल अलॉटमेंट के लिए एनओसी जारी करने पर राजी हो गया।
गौरतलब है कि हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ ने पीएमओ से प्राप्त जानकारियों के आधार पर कुछ दिन पहले ही इस बात का खुलासा कर दिया था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विजय माल्या को बढ़-चढ़कर मदद की थी।