मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विकास का प्रकाश जब तक आम आदमी तक नहीं पहुँचता तब तक वह बेमानी है। मध्यप्रदेश सरकार चौतरफा विकास के साथ प्रदेश को देश का अग्रणी प्रदेश बनाने के लिये संकल्पित है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मुंबई में सीआईआई की क्षेत्रीय वार्षिक बैठक के अवसर पर आयोजित ‘बिल्डिंग काम्पीटीटिवनेस-ड्राइविंग डेवलपमेंट’ सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अब से 12 वर्ष पूर्व जब वे प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे, मध्यप्रदेश देश के बीमारू राज्यों में शामिल था और उन्हें भी प्रशासन का कोई अनुभव नहीं था। श्री चौहान ने कहा कि मैंने प्रदेश को पिछड़ा राज्य नहीं रहने देने का संकल्प लिया। सड़क, पानी और बिजली के साथ ही खराब कानून-व्यवस्था को सुधारने का बीड़ा उठाया। संकल्प की पूर्ति की राह में सवा लाख किलोमीटर सड़क बनाने का अभियान शुरू किया। सरकार राज्य के सभी 53 हजार गाँव को सड़क से जोड़ने पर काम कर रही है। बिजली उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया। उन्होंने बतायाकि रीवा में 750 मेगावॉट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। संयंत्र से मात्र रु. 2.97 पैसे की दर से बिजली प्रदेश को मिलेगी। आज राज्य में 18000 मेगावॉट बिजली पैदा होती है जो जरूरत से ज्यादा है।
मुख्यमंत्री ने कहा िक कृषि प्रधान मध्यप्रदेश में कृषि को लाभदायी बनाने की कोशिशें शुरू की। सिंचाई पर ध्यान दिया, जिसका परिणाम है कि प्रदेश की सिंचित भूमि का रकबा साढ़े सात हेक्टेयर से बढ़कर 40 लाख हेक्टेयर हो गया। किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आज प्रदेश की कृषि विकास दर 20 प्रतिशत से अधिक है, जबकि देश की कृषि विकास दर साढ़े सात प्रतिशत है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कृषि क्षेत्र के विकास से किसान की क्रय शक्ति और कृषि यंत्रों की बिक्री बड़ी जिसका फायदा उद्योग क्षेत्र को भी हुआ। अब प्रदेश में पारम्परिक खेती के साथ ही फल-फूल-सब्जी की खेती और खाद्य प्र-संस्करण उद्योगों की स्थापना पर बल दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 5 वर्ष में किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य की पूर्ति के लिये मध्यप्रदेश ने सबसे पहले रोडमेप तैयार कर लिया है। मिट्टी परिक्षण प्रयोगशालाएँ स्थापित की जा रही हैं। कृषि रथ के द्वारा गाँव-गाँव में किसानों को खेती की बारीकियों की जानकारी दी जायेगी। किसानों को बिना ब्याज के कर्ज दिये जाने से काफी राहत मिली है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वर्ष 2016 में इंदौर में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद राज्य में दो लाख 43 हजार करोड़ के लेटर-टू इन्वेस्ट प्राप्त हुए हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रदेश प्रगति पर हैं। पूणे की सिमबायसिस और मुंबई की नरसीमजी जैसी जानी-मानी शिक्षण संस्थाएँ प्रदेश में इन्वेस्ट कर रही हैं। इन्फोसिस जैसी नामचीन कम्पनियाँ भी प्रदेश में कार्यरत है। प्रदेश में लाइमस्टोन प्रचुर मात्रा में होने से सीमेंट उद्योग की भी अपार संभावनाएँ हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में जन्म लेने वाला कोई भी व्यक्ति अब बिना छत के नहीं रहेगा। सरकार उसे घर के लिये जमीन का टुकड़ा देगी। बालिका शिक्षा के बारे में श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में लाडली लक्ष्मी योजना क्रियान्वित की गई है। योजना के अंतर्गत बेटी के जन्म लेने पर 30 हजार रूपये जमा किया जाता है। इससे वयस्क होने पर हर बालिका लखपति होगी। पुलिस भर्ती में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। प्रदेश में लिंगानुपात जो कभी एक हजार लड़कों पर 912 लड़की था आज बढ़कर एक हजार लड़कों पर 930 लड़की हो गया है। बालिकाओं की शिक्षा-स्वास्थ्य योजनाएँ बड़े पैमाने पर संचालित की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि बच्चे प्रदेश के भावी नागरिक है और उन्हें प्रोत्साहन देना जरूरी है। राज्य सरकार ने प्रतिभावान बच्चों के उच्च शिक्षा अध्ययन में मदद के लिये एक हजार करोड़ का प्रावधान किया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि एक समय मध्यप्रदेश को दस्युग्रस्त राज्य कहा जाता था। चम्बल घाटी इसके लिये मशहूर थी। मेरे कार्यकाल में दस्युओं का उन्मूलन कर दिया गया है। माओवादी हो या सिमी, सब पर अंकुश लगाया गया है। प्रदेश की चुस्त-दुरूस्त कानून-व्यवस्था का असर निवेश और उद्योग धंधों के विकास पर दिख रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गरीब युवाओं को उद्यमी बनने के लिये दो करोड़ रूपये तक के कर्ज देने का प्रावधान किया गया है। इस पर 5 प्रतिशत की सबसिड़ी राज्य सरकार देती है। उन्होंने कहा कि हम प्रदेश में छोटे उद्योगों का जाल बिछाना चाहते हैं। इसके लिये 100 करोड़ रूपये का वेंचर केपिटल फण्ड बनाया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये बुनियादी सुविधाओं के विकास के साथ सिंगल विण्डो सिस्टम कार्यशील किया गया है। प्रदेश के नगरों में बुनियादी नागरिक सुविधाओं की उपलब्धता पर सरकार ध्यान दे रही है। सीवेज सिस्टम और जलापूर्ति कार्यक्रम से शहर बेहतर बन रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ‘नमामि देवि नर्मदे’ यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा नदी के संरक्षण और संवर्धन की यह यात्रा आज जनांदोलन का रूप ले चुकी है। अब तक नर्मदा के किनारे हजारों की संख्या में वृक्षारोपण किया जा चुका है।
इसके पहले मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सीआईआई के महानिदेशक श्री चन्द्रजीत बैनर्जी, सीआईआई पश्चिम क्षेत्र के अध्यक्ष श्री सुधीर मेहता और श्री विनोद करपे के साथ चर्चा की। श्री बैनर्जी ने सीआईआई की भावी रणनीति और योजनाओं की जानकारी मुख्यमंत्री को दी।