आरटीओ कार्यालय में चल रहे फर्जीवाड़े को लेकर हुई कार्रवाई में पांच दलाल गुरुवार को एसडीएम कोर्ट में पेश हुए। सभी से एक-एक लाख रुपए के बांड भरवाए गए। ये बांड अच्छा आचरण करने और शांतिभंग की स्थिति नहीं बनने देने संबंधी हैं। दलालों की अगली पेशी 17 अप्रैल को सुबह 11 बजे होगी। हालांकि अब तक आरटीओ के एवजियों और उनसे काम कराने वाले कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
कलेक्टर बी. चंद्रशेखर के निर्देश पर एसडीएम सुनील झा ने एक टीम बुधवार को आरटीओ कार्यालय भेजी थी। यहां पांच दलाल काम करते मिले। दलालों के नाम विजय सिंह, राजेश जैन, ओमप्रकाश गेहलोत, दीपक उपाध्याय और अकील हैं। इन सभी को रात में ही 1-1 लाख रुपए जुर्माने के नोटिस जारी किए थे।
पांचों गुरुवार को एसडीएम के समक्ष पेश हुए। सभी ने नोटिस के एक जैसे ही जवाब दिए। कहा हमने किसी ग्राहक से अवैध रुपए नहीं लिए। कोई अपराध भी नहीं किया। हम शांतिप्रिय व्यक्ति हैं। हमारे पास से आरटीओ से संबंधी उपकरण या सामग्री जब्त नहीं हुई। झूठे आधार पर कार्रवाई की गई। दलालों को दिए नोटिस में आरोप हैं कि पांचों दलाल लोगों से ज्यादा पैसे वसूलते हैं। इस कारण शांतिभंग हो सकती है। दलालों से प्रकरण का निराकरण नहीं होने तक के लिए 1-1 लाख रुपए के बंध-पत्र भरवाए गए। कार्रवाई शाम 5.30 बजे तक चली।
एवजी व दलाल मिले तो कार्रवाई- कलेक्टर
आरटीओ ऑफिस में बाबुओं के साथ एवजी के काम करने व बड़े दलालों पर कार्रवाई करने के मामले में कलेक्टर बी. चंद्रशेखर ने कहा यदि कोई एवजी काम करते मिला तो कार्रवाई की जाएगी। टीम को मौके पर जो दलाल मिले हैं, उन पर कार्रवाई की है। यह आगे भी जारी रहेगी। कार्रवाई के लिए पुख्ता सबूत जरूरी है। एसडीएम सुनील झा ने बताया दलालों से बांड भरवाए हैं। टीम को मौके पर जो भी मिला उस पर कार्रवाई की।
गुरुवार को आरटीओ ऑफिस खुलने से लेकर बंद होने तक नजारा कुछ अलग था। अमूमन दफ्तर में काफी चहल-पहल रहती है लेकिन गुरुवार को कोई एवजी नजर नहीं आया। कार्रवाई के डर से सभी दलाल गुरुवार को गायब हाे गए। ऑफिस के सामने फोटोकॉपी व ऑनलाइन काम की दुकानें भी बंद रहीं।