गुरुवार का दिन गुरु यानी कि विष्णु भगवान का होता है. इस दिन पूरे श्रद्धाभाव से व्रत करने वाले व्यक्ति की मनोकामना पूर्ण होती है और उसका गुरु दोष भी खत्म होता है. गुरुवार का व्रत करने वाले जातकों को जीवन में कई लाभ महसूस होता है. जहां एक ओर उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है, वहीं उनकी सेहत भी अच्छी रहती है. ऐसे लोगों को समाज में सम्मान मिलता है और नाते-रिश्तेदारों से भी अच्छे संबंध बने रहते हैं.
गुरुवार को यह काम करने से आता है दुर्भाग्य
इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को सारे सुखों की प्राप्ति होती है. लेकिन व्रत करने वाले जातक को व्रत के दौरान कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए.
1. यह ध्यान रखना चाहिए कि इस दिन बाल न कटाएं और ना ही दाढ़ी बनवाएं.
2. कपड़े और बाल न धोएं. साथ ही घर को धोए या पोछे नहीं. घर से कबाड़ बाहर निकालना भी इस दिन वर्जित माना जाता है.
3. नमक का प्रयोग न करें.
4. भगवान विष्णु को जो फल चढ़ाएं, उन्हें दान कर दें.
5. लक्ष्मी और नारायण दोनों की साथ में पूजा करें. आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी.
व्रत विधि
गुरूवार के दिन सुबह स्नान करके बृहस्पति देव की पूजा करें. पूजन में पीली वस्तुएं, पीले फूल, चने की दाल, मुनक्का, पीली मिठाई, पीले चावल और हल्दी चढ़ाएं. इस दिन केले के पेड़ की भी पूजा की जाती है. कथा पढ़ते और पूजन के समय सच्चे मन से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें.
जल में हल्दी डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाएं और केले की जड़ में चने की दाल और मुनक्का चढ़ाएं. इसके पास ही दीपक जलाकर पेड़ की आरती करें. गुरूवार के व्रत में दिन में एक समय ही भोजन करना चाहिए. पूजन के बाद भगवान बृहस्पति की कथा सुननी चाहिए.