राजस्व निरीक्षकों की हड़ताल शुक्रवार को खत्म हो गई। वे पटवारियों के साथ संयुक्त रूप से हड़ताल पर थे। हालांकि पटवारियों व सरपंच-सचिवों की हड़ताल जारी है। पटवारियों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ शुक्रवार को आक्रोश रैली निकाली।

सभी पटवारी धरना स्थल कालिकामाता मंदिर परिसर में एकत्र हुए। इसके बाद वाहन रैली निकाली। सीएम के खिलाफ नारे लगाते हुए रैली प्रमुख मार्गों से होते हुए धरना स्थल पहुंची। पटवारियों की प्रमुख मांगों में 2800 ग्रेड-पे, पटवारी पद को तकनीकी घोषित करना, यात्रा भत्ता बढ़ाना, अतिरिक्त हलकों का एक चौथाई हिस्सा देना आदि शामिल है। मध्यप्रदेश पटवारी संघ जिलाध्यक्ष मदनलाल कटारिया ने बताया सीएम द्वारा अवहेलना करने व मांगों को पूरी नहीं करने के विरोध में आक्रोश रैली निकाली गई। ध्रुव निनामा, रमेश बैरागी, बहादुर सिंह डोडिय़ार, सतीश राठौर, बालमुकुंद चौहान, सीताराम सूर्यवंशी, धीरज परमार, त्रिभुवननाथ योगी, मोहित सिंह आदि मौजूद थे।

सरपंच-सचिव की हड़ताल जारी, दिया धरना
मप्र पंचायती राज अधिनियम 1993-94 एक्ट का पालन करने, प्रमुख सचिव द्वारा दिए गए नियमों से पंचायतों के काम ठप होने, मानदेय 10 हजार रुपए प्रतिमाह करने, पंचों का वेतन भत्ता दोगुना करने आदि मांगों को लेकर सरपंच व सचिवों की हड़ताल शुक्रवार को भी जारी रही। कालिकामाता मंदिर में सरपंच व सचिवों ने धरना दिया। जिलाध्यक्ष अभिषेक शर्मा, भूपेंद्र सिंह, पदम सिंह ठाकुर, अजय निनामा, नंदू माल, अभिषेक शर्मा आदि मौजूद थे।

12 दिन बाद काम पर लौटे राजस्व निरीक्षक
पटवारियों के साथ राजस्व निरीक्षक संघ के बैनर तले हड़ताल पर बैठे राजस्व निरीक्षक शुक्रवार को काम पर लौट गए। जिलाध्यक्ष दुवेंद्र सिंह गोयल ने बताया राष्ट्रीय कार्यकारिणी के प्रतिनिधि मंडल की चर्चा के बाद हड़ताल वापसी का मैसेज प्राप्त हुआ है। शुक्रवार को ज्वाइनिंग दी है। प्रमुख मांगों में वेतनमान, भत्ते बढ़ाने, पदोन्नति में कोटा बढ़ाने, समयमान वेतनमान शामिल हैं। राजस्व निरीक्षक संघ के बैनर तले 12 दिनों से हड़ताल पर बैठे थे।