उत्तर कोरिया की परमाणु हमले की धमकी के बाद अमेरिका ने हमले से निपटने के लिए युद्धाभ्यास किया. ये युद्धाभ्यास न्यूयॉर्क शहर के बाहर मैनहटन में किया गया. इस ड्रिल का नाम ऑपरेशन गॉथम शील्ड रखा गया. दरअसल ड्रिल का मकसद ये देखना था कि यदि 10 किलोटन का न्यूक्लियर बम गिरता है तो कैसे लोकल इमरजेंसी और मैनेजमेंट टीम इससे निपटेगी. न्यू जरसी के इमरजेंसी मैनेजमेंट डायरेक्टर जैफरी पॉल ने इस ड्रील की फोटोज फेसबुक में पोस्ट की. ये ड्रिल बृहस्पतिवार तक जारी रहेगी.

लिंकन टनल में किया धमाका
बता दें कि मंगलवार को अपनी सेना की 85वीं वर्षगांठ के मौके पर उत्तर कोरिया ने बड़े हथियारों के साथ अपने पूर्वी तट पर युद्धाभ्यास किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक न्यूक्लियर हमले के खतरे को देखते हुए न्यू जर्सी के पास लिंकन टनल के पास एक धमाका भी किया गया. यहीं नहीं इस ड्रिल में हेकेनसेक यूनिवर्सीटी के मेडिकल सेंटर ने भी भाग लिया. जैफरी के मुताबिक आज करीब हजारों लोग मेटलाइफ स्टेडियम में इक्ट्ठा हुए. ये सभी हमले के बाद मदद मांगने की एक्टिंग कर रहे थे. हमारा मिशन था इन सभी को ट्रीटमेंट देना, यदि कोई बुरी तरह से घायल है तो उसे हॉस्पिटल तक पहुंचाना. इस ड्रिल में कोई भी असली मरीज नहीं था. इसके लिए करीब 30 मास केयर सेंटर भी तैयार किए गए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नॉर्थहडसन के रेसक्यू चीफ फ्रैंक मोंटाज ने कहा है कि हम इसके जरिए अपनी क्षमताओं को जांच रहे हैं. हमें उम्मीद है ऐसा हमला कभी नहीं होगा लेकिन हमें किसी भी परिस्थिती के लिए तैयार रहना चाहिए. मैनहटन के अलावा ये ड्रिल वॉशिंगटन और न्यूयॉर्क के ऐलेबनी में होगी.

9\11 हमले के बाद हुई थी ऐसी ही ड्रिल
अमेरिका के जानकारों का मानना है कि ये नॉर्थ कोरिया में बढ़ रहे तनाव के बाद यह ड्रिल एक नकली फ्लैग ऑपरेशन हो सकता है. वहीं कुछ जानकारों के मुताबिक 9/11 के हमले के बाद भी ऐसा ड्रिल ऑपरेशन हुआ था. हालांकि अधिकारियों के मुताबिक ये ड्रिल कई समय से चली आ रही है. ये किसी भी विशेष खतरे के लिए नहीं है. अधिकारियों ने कहा कि इससे पहले भी कई तुफानों से निपटने के लिए हम ऐसी ड्रिल अलग-अलग शहरों में करते रहे हैं.