यूरोपोल प्रमुख रॉब वेनराइट ने रविवार को कहा कि शुक्रवार को हुए ग्लोबल साइबर अटैक से 150 देशों के दो लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। इस क्रम में लगातार अटैक जारी है। भारत भी इस हमले की चपेट में है। बीबीसी ने ब्रिटेन के आईटीवी से वेनराइट के इंटरव्यू के हवाले से कहा कि लेटेस्ट केल्कूलेशन में कम से कम 150 देशों के दो लाख से ज्यादा पीड़ित हैं। इन पीड़ितों में बड़े निगमों सहित ज्यादातर बिजनेसमेन होंगे।
वेनराइट ने कहा कि उन्हें चिंता है कि जब लोग सोमवार सुबह काम पर लौटेंगे तो प्रभावितों की संख्या बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि हम एक बढ़ते खतरे का सामना कर रहे हैं, संख्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि मौजूदा हमला अभूतपूर्व था।
उन्होंने कहा कि हम हर साल साइबर क्राइम के खिलाफ करीब 200 वैश्विक अभियान चला रहे हैं, लेकिन हमने इस तरह का हमला नहीं देखा। हालांकि, वेनराइट ने कहा कि अब तक हमले के पीड़ितों में से कुछ के भुगतान करने का उल्लेख है। बीते शुक्रवार को हुआ हमला ‘रैनसमवेयर’ के बढ़ते खतरे में सबसे नया है।
वन्नाक्रिप्ट या वान्नाक्राई नाम के लेटेस्ट मैलवेयर विंडोज के भेद्यता का लाभ उठाकर इसका प्रसार करता है, जिसके लिए माइक्रोसॉफ्ट ने मार्च में एक सुरक्षा पैच जारी किया था, लेकिन कंप्यूटर और नेटवर्क जो अपने सिस्टम को अपडेट नहीं करते उनमें इसका जोखिम बना रहता है।

क्या है रैंसमवेयर :
रैंसमवेयर वायरस फैलाने वाला सॉफ्टवेयर है, जिसे WannaCry नाम दिया गया है। यह कंप्यूटर्स सिस्टम तक पहुंचकर उसे तब तक के लिए ब्लॉक कर देता है, जब तक फिरौती ना मिल जाए। फिरौती ऑनलाइन वसूली जा रही है। रैंसमवेयर ईमेल अटैचमेंट से भी फैलता है। वायरस अटैक के दौरान अधिकांश कंप्यूटर्स पर ‘प्लीज रीड मी’ नामक फाइल ईमेल पर भेजी गई है। इस अचैटमेंट पर क्लिक करते ही कंप्यूटर्स लॉक हो गया और फिर फिरौती मांगी गई।
आप ऐसे बच सकते हैं :
यदि आपका पर्सनल या कॉर्पोरेट सिस्टम पुराने विंडोज वर्जन यानी XP, 8, या खासतौर पर Server 2003) पर चलता है तो आपको तुरंत माइक्रोसॉफ्ट का नया सुरक्षा अपडेट इंस्टॉल करने की जरूरत है। अंजान आईडी से मिले ईमेल बिल्कुल न खोलें। हालांकि अधिकांश मामलों में यह वायरस यूजर से संपर्क में आए बगैर भी फैल गया है। कई देशों ने तो ऐसी मशीनों को इंटरनेट से डिस्कनेक्ट करने का फैसला कर लिया है, जिनमें सिक्यॉरिटी फीचर्स नहीं हैं।

वायरस ने अटैक कर दिया है तो उठाएं ये कदम :

एंटी वायरस अपडेट करें और उसे तुरंत रन करें। हालांकि यह प्रयास रैंसमवेयर के अधिकांश मामलों में नाकाम रहे हैं। अपना सिस्टम तुरंत बंद कर दें और आईटी एक्सपर्ट की सलाह लें। इसके अवाला कोई दूसरा उपाय अभी दुनिया में किसी को नहीं सूझा है। बड़ी संख्या में पीड़ित 300 डॉलर की फिरौती देखकर छूट रहे हैं, लेकिन इस बात की संभावना बहुत कम है कि यह हमला दोबारा नहीं होगा।